स्वच्छ भारत अभियान, भारत सरकार द्वारा चलाई जाने वाली प्रमुख योजनाओं में से एक है जिसके अंतर्गत संपूर्ण भारतवर्ष को साफ सुथरा अथवा स्वच्छ बनाने का भरपूर प्रयास किया जा रहा है; परीक्षाओं में स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध अधिकतर पूछा जाता है; हमने यहां आपके लिए स्वच्छ भारत अभियान पर कुछ निबंध प्रस्तुत किए हैं :
स्वच्छ भारत अभियान पर छोटे एवं बड़े निबंध (Short and Long Essay on Swachh Bharat Abhiyan in Hindi)
प्रथम निबंध (400 शब्द)
प्रस्तावना :
बरसों पहले, महात्मा गांधीजी ने, जिस स्वस्थ, स्वच्छ और निरोगी भारत की कल्पना की थी, उसी परिकल्पना को साकार करने के लिए, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा, 2 अक्तूबर 2014 को, गांधीजी की जयंती पर, “स्वच्छ भारत अभियान” की शुरुआत की गई थी। प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई यह मुहिम, अब तक की सबसे बड़ी स्वच्छता मुहिम है, जिसमें भारत के आम नागरिकों के साथ साथ, विभिन्न क्षेत्रों के गणमान्य नागरिकों ने भी बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया था और अपना बहुमूल्य योगदान दिया था।
स्वच्छ भारत अभियान का उद्देश्य
स्वच्छता का संबंध, अच्छे स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है। और जिस राष्ट्र के लोग स्वस्थ और निरोगी होते हैं, वह राष्ट्र निश्चित रूप से प्रगति करता है। स्वच्छ भारत अभियान का उद्देश्य भी, संपूर्ण भारत को स्वच्छ और निरोगी करना है और साथ ही, विभिन्न कार्यक्रमों के द्वारा, लोगों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता लाना और लोगों को स्वच्छता का महत्व तथा लाभ समझाना हैं। इसके अलावा सुखे और गीले कचरे का सही व्यवस्थापन करना और शौचालयों का निर्माण करना, जिससे खुले में शौच करना बंद हो सके, स्वच्छता अभियान का मुख्य उद्देश्य है।
स्वच्छ भारत अभियान से लाभ
स्वच्छ भारत अभियान से, भारत के नागरिकों को रहने के लिए, एक स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण का निर्माण होगा, जिससे उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। भारत में, बहुत सुंदर और अद्भुत जगहें हैं, जो देशी विदेशी पर्यटकों को आकर्षित तो करती है, लेकिन अस्वच्छता के कारण भारत में विदेशी पर्यटकों की संख्या काफी कम है। यदि भारत में रास्ते, नदियां, ऐतिहासिक स्थल, मंदिर इत्यादि साफ और स्वच्छ रहने लगे तो इन्हें देखने आने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी और इससे भारत की अर्थव्यवस्था में लाभ होगा।
निष्कर्ष :
हम अपने घरों को तो रोज स्वच्छ करते हैं, लेकिन अपने देश को स्वच्छ करना भूल जाते हैं। अपने देश को स्वच्छ रखना, केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि हमारा भी कर्तव्य है। इसलिए, अपने आसपास साफ-सफाई का ध्यान रखें और अपने देश को स्वच्छ और निरोगी बनाने में योगदान दे।
द्वितीय निबंध (500 शब्द)
प्रस्तावना :
“स्वच्छता, स्वतंत्रता से भी अधिक महत्वपूर्ण है” यह संदेश है, हमारे देश के राष्ट्रपिता, महात्मा गांधी जी का। आप इस एक वाक्य से ही समझ सकते हैं कि, हमारे जीवन में स्वच्छता का कितना अधिक महत्व है। गांधी जी, हमेशा अपने देश को स्वच्छ और स्वस्थ देखना चाहते थे, इसके लिए उन्होंने बहुत प्रयास भी किए थे। लेकिन, उनके अथक प्रयासों का भी कोई उपयोग नहीं हुआ। स्वच्छ भारत अभियान बापू के संकल्पों और प्रयासों को आगे बढ़ाने का एक जरिया है।
स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत
महात्मा गांधीजी के स्वच्छ भारत के स्वप्न को साकार करने के लिए, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने, महात्मा गांधीजी के द्वारा शुरू की गई इस मुहिम को आगे बढ़ाने के संकल्प के साथ, 2 अक्तूबर 2014 को, गांधी जयंती के अवसर पर “स्वच्छ भारत अभियान” की शुरुआत की थी।
उनकी इस मुहिम को प्रोत्साहन देने के लिए, भारत के कई आम और खास लोगों ने उनका साथ दिया था और प्रधानमंत्री जी की एक अपील के बाद, हाथ में झाड़ू लेकर जगह जगह पर, साफ-सफाई करने के लिए निकले थे। नरेंद्र मोदी जी ने स्वयं, वाराणसी के गंगा नदी के अस्सी घाट की सफाई करके, इस अभियान को शुरू किया था। हमारे देश के कई प्रसिद्ध राजनेताओं, धर्मगुरूओं, फिल्म स्टार्स, सेना के जवानों, खिलाड़ीयों आदि ने इस स्वच्छता अभियान में प्रधानमंत्री के साथ जुड़कर, भारतीय जनता के समक्ष एक अच्छा उदाहरण प्रस्तुत किया था।
प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किए गए स्वच्छ भारत अभियान का देश विदेश में बहुत स्वागत हुआ है। सभी ने बढ़-चढ़कर इस अभियान में हिस्सा लिया और इस प्रकार, प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किया गया यह स्वच्छता अभियान, एक सबसे बड़े राष्ट्रीय अभियान में बदल गया।
केन्द्र सरकार की संकल्पना
स्वच्छ भारत अभियान का उद्देश्य, लोगों को स्वच्छता और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना, उन्हें स्वच्छ परिसर में रहने के फायदे बताना, अधिक से अधिक लोगों को सार्वजनिक स्वास्थ्य और स्वच्छता के कार्यक्रमों से जोड़कर, देश में एक सुचारू व्यवस्था लागू करना, सुखे और गीले कचरे को यहां वहां फेंकने के बजाय, रिसायकल करना, देश में शौचालयों का निर्माण करके, देश को खुले में शौच मुक्त करना है।
निष्कर्ष :
गांधीजी के जिस सपने को लेकर, भारत सरकार ने स्वच्छ भारत अभियान की शुरूआत की थी, उस अभियान को सफल बनाने की जिम्मेदारी केवल भारत सरकार की ही नहीं है, बल्कि हम सबकी यह नैतिक जिम्मेदारी है कि हम अपने देश को साफ और स्वच्छ रखें। इसके लिए हमें केवल अपने आसपास, कूड़ा-करकट या गंदगी फैलाने से बचना होगा और लोगों को भी ऐसा करने से रोकना होगा। यही देश के प्रति हमारा छोटा सा सहयोग होगा।
तृतीय निबंध (600 शब्द)
प्रस्तावना :
स्वच्छ भारत अभियान, की शुरुआत माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा, 2 अक्तूबर, 2014 को, गांधीजी की 145 वी जयंती पर की गई थी। इस बहुउद्देशीय अभियान का आरंभ करने के लिए, इस विशेष दिन का चुनाव इसलिए किया गया, क्योंकि राष्ट्रपिता महात्मा गांधीजी एक स्वस्थ, सुंदर और स्वच्छ भारत को देखना चाहते थे, लेकिन भारतीय जनता की उदासीनता के कारण, उनका यह सपना पूरा नहीं हो सका।
गांधीजी के इसी सपने को पूरा करने की ज़िम्मेदारी माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लेते हुए, स्वच्छ भारत अभियान का शुभारंभ किया, जिसका विश्वव्यापी स्तर पर स्वागत किया गया है। प्रधानमंत्री ने, विभिन्न माध्यमों से भारत की जनता से इस अभियान को सफल बनाने की अपील की थी। और इसके लिए, उन्होंने स्वयं भी हाथों में झाड़ू लेकर, वाराणसी में, गंगा नदी के घाटों की सफाई करके इस, महत्वाकांक्षी अभियान की शुरुआत की थी। भारत के विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित, कई गणमान्य नागरिकों ने आगे आकर, इस स्वच्छता मिशन में प्रधानमंत्री का खुलकर साथ दिया था।
पाँच साल में देश को स्वच्छ बनाना
जून 2014 को, संसद को संबोधित करते हुए, महामहिम राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने, स्वच्छता अभियान के संदर्भ में कहा था कि, देश में स्वच्छता लाने और कचरे का सही व्यवस्थापन करने के लिए, स्वच्छ भारत अभियान शुरू किया जाएगा जो, 2019 में, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150 वी जयंती पर, उन्हें हमारी श्रद्धांजलि होगी।
15 अगस्त 2014 को, स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर, प्रधानमंत्री ने भी अपने भाषण में, स्वच्छ भारत अभियान के विषय में जानकारी दी थी। अपने इसी भाषण में, उन्होंने, माताओं और बहनों को खुले में शौच के कारण होने वाली परेशानियों और मानसिक यातनाओं को दूर करने के लिए, शौचालयों की आवश्यकता के बारे में कहा है।
इस अभियान का लक्ष्य, था कि 2019 तक, यानी कि गांधीजी की 150 वी जयंती तक, भारत को पूरी तरह स्वच्छ बनाना, सबको स्वच्छता सुविधाएं प्रदान करना, स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता लाना और खुले में शौच मुक्त भारत बनाना।
इस मिशन के तहत, सरकार का लक्ष्य, भारत में 2019 तक 1.2 करोड़ शौचालयों का निर्माण करना है जिसके लिए, 1.96 लाख करोड़, रुपए की लागत का प्रावधान रखा गया है। सन् 2014 से पहले, भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में, अधिकांश लोग खुले में शौच करते थे, जो हर एक दृष्टि से हानिकारक है।
महिलाओं और बालिकाओं के लिए तो, खुले में शौच करना उनकी गरीमा के खिलाफ है जो कि बहुत शर्मनाक है। परंतु आज गांव गांव में, सरकार के प्रयास से कई शौचालयों का निर्माण हुआ है जिससे वहां पर, खुले में शौच की समस्या से राहत मिली है। इसके लिए, ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालय बनाने के लिए, सरकार की हर घर को पैसा देने की भी योजना है।
जागरूकता के प्रयास
स्वच्छ और निरोगी वातावरण में, व्यक्ति का सर्वांगीण विकास उत्तम होता है। आज इस स्वच्छता अभियान के कारण, हम भारतीय कम से कम इस मुद्दे पर खुलकर बात तो करने लगे हैं, लोगों में स्वच्छता को लेकर, पूरी तरह तो जागरूकता नही आई है , लेकिन बहुत हद तक अब लोग स्वच्छता का महत्व समझ रहे हैं और अपने आसपास के परिसर को स्वच्छ रखने के लिए प्रयत्न भी कर रहे हैं।
बड़ी बड़ी हस्तियां, लगातार इस स्वच्छता मुहिम में अपना सहयोग दे रही हैं, जिससे आम जनता को भी प्रोत्साहन मिल रहा है। यदि, भारत पूरी तरह स्वच्छ बनने में कामयाब हो जाता है तो, जो विदेशी पर्यटक, अस्वच्छता के कारण भारत आने से कतराते थे, वे भी भारत आना चाहेंगे और विदेशी पर्यटकों की संख्या में इजाफा होने से भारतीय अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा।
स्वच्छ भारत अभियान से लाभ
हमारे जीवन पर, परोक्ष या अपरोक्ष रूप से स्वच्छता का बहुत ज्यादा प्रभाव पड़ता है। स्वच्छ वातावरण में, किसी भी व्यक्ति का शारीरिक और मानसिक विकास ज्यादा अच्छे से हो सकता है। स्वच्छ भारत अभियान का लाभ यह हुआ है कि, अपने आसपास के परिसर को लेकर लोगों का नजरिया बदला है। वे अब स्वच्छता और स्वास्थ्य का महत्व समझते हैं, और ना केवल अपने घर की बल्कि अपने आसपास के परिसर की भी साफ-सफाई पर ध्यान देते हैं।
निष्कर्ष :
स्वच्छता हम सभी को अच्छी लगती हैं, लेकिन हम केवल अपने आप को और अपने घर को ही साफ रखकर, आसपास के परिसर की सफाई के प्रति आंखें बंद कर लेते हैं। देश को साफ और स्वच्छ रखने की हमारी भी जिम्मेदारी है, इस बात को ध्यान में रखते हुए, हमें भी, भारत सरकार के स्वच्छ भारत अभियान को सफल बनाने के लिए अपना पूरा सहयोग देना चाहिए।
आज आपने क्या सीखा ):-
प्रिय छात्र एवं छात्राओं, उम्मीद करते हैं कि आपको स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध (Swachh Bharat Abhiyan Essay in Hindi) अच्छा लगा होगा और आपको इससे निबंध लिखने के बारे में सीखने को मिला होगा, यदि वास्तव में आपको यह निबंध पसंद आया तो Comment के माध्यम से बताएं और इसे अपने सहपाठियों के साथ SHARE करें।