गणतंत्र दिवस पर निबंध

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गणतंत्र दिवस संपूर्ण भारतवर्ष में सभी धर्म एवं जातियों द्वारा मनाया जाने वाला प्रमुख राष्ट्रीय पर्व है। 26 जनवरी के दिन भारत को एक गणराज्य घोषित किया गया और यहां डॉ राजेंद्र प्रसाद को भारत का प्रथम राष्ट्रपति नियुक्त किया गया। इसी कारण प्रत्येक भारतवासी के लिए यह दिन अत्यंत महत्वपूर्ण है। यहां हमने गणतंत्र दिवस पर कुछ निबंध प्रस्तुत किए हैं :

राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस छोटे एवं बड़े निबंध (Short and Long Essay on Republic Day in Hindi)

गणतंत्र दिवस पर निबंध - Republic Day Essay in Hindi

प्रथम निबंध (250 शब्द)

हमारे देश का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। डॉ0 भीमराव अंबेडकर ने 2 वर्ष 11 माह 18 दिन में भारत का संविधान बनाकर तैयार कर दिया। 1947 में भारतवर्ष को अंग्रेजो से मिली आजादी के बाद 26 जनवरी, सन 1950 को डॉ0 भीमराव अंबेडकर जी द्वारा बनाया गया; संविधान हमारे भारतवर्ष पर लागू हुआ और और समस्त भारतवासी एक लोकतंत्र के अधीन हो गए।

इसी संविधान के आधार पर भारत के प्रत्येक नागरिक को विभिन्न अधिकार प्राप्त हुए; जिनमें से सबसे मुख्य “मत का अधिकार” है। इसी कारण हम इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं।

गणतंत्र दिवस पर विद्यालयों एवं सरकारी संस्थानों पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहरा कर राष्ट्रीय गान गाया जाता है। विद्यालयों में बच्चे वीरता के गीत एवं भाषण, वीरता से परिपूर्ण झांकियां और नाटक प्रस्तुत करते हैं। हर तरफ तिरंगा झंडा नजर आता है। सभी धर्म एवं जाति मिलकर हमारे इस राष्ट्रीय पर्व को बड़े ही उत्सुकता के साथ मनाते हैं और सभी का मस्तक देश के वीरों के सम्मान झुका नजर आता है।

हमें गणतंत्र दिवस का महत्व समझते हुए, देश के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले महान स्वतंत्रता सेनानियों को ध्यान में रखकर अपने देश की आन बान और शान की सदैव रक्षा करनी चाहिए; अपने अधिकारों के साथ-साथ अपने कर्तव्यों के प्रति सजग रहना ही उन वीरों के लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी।


द्वितीय निबंध (400 शब्द)

गणतंत्र दिवस का यह दिन भारत में विविधता में एकता को दर्शाता है; क्योंकि इस पर्व को भारत में सभी धर्मों द्वारा हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। समस्त भारतवासियों के लिए गणतंत्र दिवस का दिन बहुत महत्वपूर्ण है; इसका मुख्य कारण यह है कि 15 अगस्त 1947 को भारत को ब्रिटिश सरकार से आजादी मिलने के लगभग ढाई साल बाद, भारत को लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित करने के साथ अधिनियम 1935 को हटाकर 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू किया गया। इसी दिन भारत के प्रत्येक नागरिक को कुछ अधिकार दिए गए; जिनमें से अपना मत चुनने का अधिकार मुख्य है।

26 जनवरी 1930 को कांग्रेस द्वारा पहली बार पूर्ण स्वराज्य की मांग रखी गई थी। वर्ष 1929 में पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा कांग्रेस अधिवेशन में अध्यक्षता करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया; जिसमें कहा गया कि यदि 26 जनवरी 1930 तक अंग्रेजी हुकूमत द्वारा भारत को “डोमिनियन स्टेट” प्रदान नहीं किया गया; तो भारत खुद को पूरी तरह स्वतंत्र घोषित कर देगा। लेकिन अंग्रेजी हुकूमत द्वारा इस बात का कोई जवाब नहीं दिया गया।

इस दिन के बाद से कांग्रेस द्वारा स्वतंत्रता आंदोलन शुरू कर दिया गया और 15 अगस्त 1947 को भारत के स्वतंत्र होने के बाद 26 जनवरी 1950 के दिन को ऐतिहासिक रूप देने के लिए इसी दिन को गणतंत्र स्थापना के लिए चुना गया। इसी दिन भारत को अपने प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद मिले और संपूर्ण भारत वर्ष में एक लोकतंत्र स्थापित हो गया।

गणतंत्र दिवस के दिन को संपूर्ण भारत में राष्ट्रीय अवकाश होता है। इस दिन लाल किले पर भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री द्वारा ध्वजारोहण किया जाता है। गणतंत्र दिवस विद्यालय, सरकारी कार्यालयो, कॉलेजो तथा घरो में  तिरंगा झंडा फहराते हुए राष्ट्र गान की गूंज के साथ मनाया जाता है।

गणतंत्र दिवस के अवसर पर नई दिल्ली के इंडिया गेट पर एक कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। जिसमें सभी भारतीय सेना एवं सुरक्षा बलों के जवान द्वारा परेड निकली जाती है; जिसमें भारतीय अस्त्र और शास्त्रों के साथ साथ भारतीय सेना बल के द्वारा अपनी कला और करतब का प्रदर्शन भी किया जाता है; जिसे देखने के लिए भारी संख्या में लोग राजपथ पर इकट्ठा होते हैं।

राजपथ पर प्रदर्शित वह दृश्य हर भारतवासी के मन में देश और उन वीर स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति सम्मान और गर्व की भावना भर देता है; जिन्होंने स्वराज्य के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए।


तृतीय निबंध (600 शब्द)

प्रस्तावना :

हमारे देश भारत में, कई त्योहार मनाने की परंपरा है। इनमें से कुछ त्योहार धार्मिक होते हैं, जिन्हें किसी धर्म विशेष द्वारा ही मनाया जाता हैं और कुछ त्योहार, किसी एक जात, पात और धर्म के ना होकर, देश के हर नागरिक के होते हैं और देश का प्रत्येक नागरिक इन्हें  गर्व के साथ मनाता है। इन त्योहारों को राष्ट्रीय त्योहार कहते हैं। स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त), गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) और गांधी जयंती (2 अक्तूबर ) हमारे तीन प्रमुख राष्ट्रीय त्योहार है। इन तीनों त्योहारों को हमारे देश का हर नागरिक बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाता है।

स्वतंत्रता दिवस क्यों मनाते हैं

हर साल 26 जनवरी को मनाया जाने वाला गणतंत्र दिवस भारत का एक गौरवशाली दिन है। इस दिन हमारे देश का संविधान लागू हुआ था। हमारा देश 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ था; लेकिन भारत में लोकशाही यानी कि Democracy सही मायने में 26 जनवरी 1950 को शुरू हुई। लोकशाही का मतलब है; बिना किसी पक्षपात के चुनाव करके, जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधि द्वारा देश का संचालन करना।

भारत को स्वतंत्रता मिलने के पश्चात 28 अगस्त 1947 को एक ड्राफ्टिंग कमेटी को भारत के संविधान का मसौदा तैयार करने के लिए कहा गया था। उसके बाद डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर की अध्यक्षता वाली कमेटी ने भारतीय संविधान का मसौदा, सभा सदन में रखा गया; जिस पर लगभग तीन साल तक काम किया गया था। फिर आखिरकार 26 जनवरी 1950 को इस संविधान को लागू कर दिया गया। तब से इस दिन को गणतंत्र दिवस के नाम से जाना जाता है।

गणतंत्र दिवस पर कार्यक्रम

गणतंत्र दिवस पर पूरे देश में राष्ट्रीय अवकाश होता है। सभी स्कूल, कॉलेज और अन्य कई संस्थानों में गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। जगह जगह ध्वजारोहण के साथ साथ, रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाते हैं और प्रभातफेरियां, भाषण, इत्यादि होते हैं।

भारत सरकार, हर साल दिल्ली में एक कार्यक्रम का आयोजन करती है, जिसमें भारत के सभी राज्य भाग लेते हैं। इस कार्यक्रम की शुरुआत, राष्ट्रपति द्वारा ध्वजारोहण के साथ होती है। तिरंगे को सलामी दी जाती है और राष्ट्र गीत गाया जाता है। राष्ट्रगीत की समाप्ति के बाद 52 सेकंड तक 21 तोपों की सलामी दी जाती है।

प्रधानमंत्री द्वारा, इंडिया गेट पर, अमर जवान ज्योति पर, फूलों का गुलदस्ता अर्पित करके, वीर जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है; और दो मिनट के लिए मौन रखा जाता है। इंडिया गेट पर एक खास परेड का आयोजन होता है। यह परेड विजय चौक से चलकर, इंडिया गेट पर रुकती है। इस परेड में हमारी तीनों सेनाएं, महामहिम राष्ट्रपति को सलामी देती है। भारतीय सेना के द्वारा अपने शौर्य का और तरह तरह के अत्याधुनिक अस्त्र-शस्त्रों का प्रदर्शन किया जाता है।

आर्मी बेंड, एन0सी0सी0 और पुलिस दल भी इस परेड का हिस्सा बनते हैं। इसके बाद, रंगारंग कार्यक्रम और लोकनृत्य तथा लोकगीत प्रस्तुत किए जाते हैं और भारत का वैभव, संस्कृति और सभ्यता का प्रदर्शन करती हुई, राज्यों की झांकियां निकाली जाती है।

वीरतापूर्ण कार्य करने वाले बच्चों और विविध कार्यक्षेत्रों में अपना महत्वपूर्ण और उल्लेखनीय योगदान देने वाले लोगों को सरकार द्वारा पुरस्कृत किया जाता है। हर साल, गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में, किसी अन्य देश के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति या शासक को आमंत्रित किया जाता है।

उपसंहार :

गणतंत्र दिवस के इस ऐतिहासिक और गौरवशाली दिवस को, हम सभी भारतवासियों को पूरे आदर और सम्मान के साथ मनाना चाहिए। आज स्वतंत्र भारत में रहते हुए, हम जिस डेमोक्रेसी यानी लोकशाही का आनंद उठा रहे हैं, उसके लिए जिन स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने प्राणों का बलिदान दिया है, उन्हें हमेशा याद करते हुए, देश के प्रति अपने हर कर्त्तव्य का पालन करना चाहिए।


आज आपने क्या सीखा ):-

यहां हमने आपको गणतंत्र दिवस पर छोटे तथा बड़े निबंध उपलब्ध कराए हैं। उम्मीद करते हैं आप यह सीख गए होंगे कि इस विषय पर निबंध कैसे लिखना है। यदि हमारे द्वारा लिखे गए यह निबंध आपके लिए उपयोगी साबित हुए हैं तो अपने मित्रों के साथ SHARE करना ना भूले।

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