जल के महत्व पर निबंध

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जल यानी कि पानी, प्रकृति द्वारा हमें दिया गया सबसे महत्वपूर्ण और अनमोल संसाधन हैं। जल केवल पीने के ही काम में नहीं आता है; बल्कि हमारे दैनिक कार्यों के साथ-साथ, औद्योगिक तथा कृषि के क्षेत्र में भी जल का अत्यंत महत्व होता है। इसलिए हम ऐसा कह सकते हैं कि मनुष्य और पशु पक्षियों का संपूर्ण जीवन ही जल पर निर्भर करता है। यहां हम जल के महत्व पर कुछ निबंध प्रस्तुत कर रहे हैं:

जल के महत्व पर छोटे एवं बड़े निबंध (Short and Long Essay on Importance of Water in Hindi)

प्रथम निबंध (300 शब्द)

प्रस्तावना :

हमारे जीवन में जल की उपयोगिता का तो इसी बात से पता चलता है कि हमारे शरीर का 70% भाग जल से बना है। पृथ्वी का दो तिहाई हिस्सा जल से भरा हुआ है। जल सिर्फ इंसान के लिए ही नहीं बल्कि पौधों और समस्त जीव धारियों के लिए भी आवश्यक है। अगर किसी सामान्य मनुष्य से कहा जाए कि कुछ दिनों तक बिना जल पिए रहना होगा तो क्या यह उसके संभव हो होगा? नहीं होगा; क्योंकि कुछ दिन तो क्या, सिर्फ कुछ घंटे ही जल ना पीने पर हमारा गला सूखने लगता है।

जल के घटक

अगर जल के संघटन की बात करें तो यह हाइड्रोजन के दो और ऑक्सीजन के एक परमाणु से मिलकर बना होता है; जिस का रासायनिक सूत्र H2o बनता है। पृथ्वी पर जल तीन रूपों में पाया जाता है; ठोस, द्रव और गैस। जल रंगहीन और गंधहीन होता है इसे जिस में भी मिलाया जाता है; यह उसी रंग का हो जाता है।

यह एक बहुत अच्छा विलायक होता है; जो किसी भी चीज को स्वयं में आसानी से घूला सकता है। पृथ्वी पर पाए जाने वाले जल का 97% खारा या पीने योग्य नहीं होता है; जो कि महासागरों और अन्य जल स्रोतों में पाया जाता है।

उपसंहार

पानी का उपयोग हम सिर्फ पीने में ही नहीं करते हैं; बल्कि हमारे दैनिक जीवन में भी लगभग आधे से ज्यादा काम इसी की सहायता से किए जाते हैं। चाहे हमें खाना बनाना हो, कपड़े धोना है, नहाना हो या सफाई करना हो, जल के बिना यह लगभग असंभव हो जाएंगे। यह बहुत आवश्यक है कि जितना जरूरी है; उतना ही जल का उपयोग किया जाए। जल का संग्रह किया जाए और पृथ्वी पर इस जल को नष्ट होने से बचाया जाए तभी हमारा जीवन पृथ्वी पर आगे बढ़ पाएगा।


द्वितीय निबंध (500 शब्द)

प्रस्तावना :

ब्रह्मांड में सिर्फ पृथ्वी ही एक ऐसा ग्रह है; जहां पर जीवन पाया गया है, क्योंकि पृथ्वी पर पानी उपलब्ध है। यदि पृथ्वी से जल खत्म हो जाए तो क्या यहां पर जीवन रहेगा ? हमारे वैज्ञानिक दूसरे ग्रहों पर भी जल ढूंढने में लगे हुए हैं लेकिन अभी तक ऐसा कोई भी प्रमाण नहीं मिला है जिससे कि यह साबित हो सके कि पृथ्वी के अलावा भी किसी ग्रह पर पानी पाया जाता है। जल की आवश्यकता सिर्फ मानव को ही नहीं अपितु पूरी पृथ्वी को है क्योंकि जल से ही धरती सींची जाती है; पौधे पनपते हैं; जीव-जंतु जिंदा रहते है।

जल का महत्व

जल रंगहीन, गंधहीन और स्वादहीन होता है जो हाइड्रोजन के दो और ऑक्सीजन के एक परमाणु से मिलकर बना हुआ होता है। इसलिए पानी का रासायनिक नाम H2O होता है।

मानव दिमाग का 90% हिस्सा पानी से भरा हुआ है; यदि हम अपने जोड़ों की बात करें तो वहां पर भी लगभग 80% हिस्सा पानी से भरा हुआ है यानी कि हमारा शरीर पूरी तरह से पानी से ही निर्मित है। यदि शरीर में पानी की कमी होने लगे तो हमारे शरीर के अंग काम करना बंद कर सकते हैं।

पानी की कमी होने से हमारे शरीर में अलग-अलग तरह की बीमारियां होने का खतरा रहता है; जैसे – सिर दर्द, कब्ज, स्किन का ड्राई होना, जोड़ों में दर्द रहना, साथ ही डिहाइड्रेशन की परेशानी भी हो सकती है।

शरीर में पानी की पूर्ति के लिए हमें स्वच्छ जल का उपयोग करना होता है। यह स्वच्छ जल हमें नदी और तालाबों से प्राप्त होता है। इसके अलावा और भी रोजमर्रा और घरेलू काम ऐसे होते हैं जिनमें हमें पानी का ही उपयोग करना होता है। जैसे कि नहाना, कपड़े धोना, खाना बनाना सभी में तो पानी की आवश्यकता होती है यानी कि मनुष्य के अधिकतर काम पानी के बिना नहीं हो सकते है।

पर्यावरण की बात करें तो बारिश ना होने की वजह से पर्यावरण में भी उमस बढ़ने लगती है। यदि बारिश ना हो तो सभी नदी, तालाब सूखने लगते हैं और पानी की परेशानी होने लगती है। ठोस पानी; बर्फ, गैस पानी ; ओस की बूंदे और द्रव्य पानी यानी कि तरल। तीनों प्रकार के जल हमारे दैनिक जीवन में उपयोगी है।

बारिश का पानी तालाब और नदियों में एकत्रित होता है और कुछ कृत्रिम तरीके से भी एकत्रित किया जाता है; जिसका प्रयोग कृषि और उद्योग में किया जाता है। लेकिन जिस तरह से हम इस कीमती पानी को व्यर्थ बहा देते हैं उसके चलते जलाशयों में भी पानी की किल्लत होने लगी है।

उपसंहार

पृथ्वी के दो तिहाई हिस्से में पानी है लेकिन वह शुद्ध पीने लायक नहीं है। वह पानी खारा है; जिसे हम पीने में उपयोग नहीं ले सकते हैं।  जिस तरह से दूसरे ग्रहों पर पानी ना होने की वजह से जीवन नहीं जन्म ले सकता है। उसी तरह यदि पृथ्वी पर से जल नष्ट हो गया तो यहां पर भी जीवन नहीं बचेगा। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हमें अपनी पृथ्वी पर इस जल को बचाना है और अपने जीवन को आगे बढ़ाना है तो पानी का उतना ही उपयोग करना होगा; जितनी जरूरत हो। इसीलिए कहा जाता है “जल ही जीवन है” क्योंकि यदि जल नहीं होगा तो जीवन समाप्त हो जाएगा।


तृतीय निबंध (800 शब्द)

प्रस्तावना

पृथ्वी पर 71% पानी मिलता है, लेकिन आपको आश्चर्य होगा कि, उसमें से केवल 3% पानी ही पीने योग्य होता है। चिंता की बात तो यह है कि, पहले ही इतनी कम मात्रा में पीने योग्य पानी पृथ्वी पर उपलब्ध है और वह भी तेजी से कम होता जा रहा है। इसलिए हमें, जल का संवर्धन और संरक्षण करना चाहिए।

प्राणवायु ऑक्सीजन के बाद, मनुष्य के जीवन में जल का ही सर्वाधिक महत्त्व होता है। प्राचीन काल में भी लोगों को जल की महत्ता का ज्ञान था। हमारे सभी शास्त्रों और वेद पुराणों में जल का महत्त्व बताने वाले कई श्लोक और मंत्र भी लिखें गएं है। जल के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है।

जल का महत्व और उपयोगिता

हमारे शरीर में लगभग 70% पानी होता है। हमारे फेफड़ों में, हृदय में, रक्त में, हड्डियों में, त्वचा में, स्नायुओं में, मस्तिष्क में और मूत्र पिंड में पानी होता है। हमारा शरीर लाखों पेशियों से मिलकर बना हुआ होता है और हर पेशी को कार्य करने के लिए पानी की आवश्यकता होती है। हमारे शरीर के पोषण और विकास के लिए आवश्यक सभी जीवन सत्व और खनीज पदार्थ, पानी में ही घुलकर शरीर के विभिन्न भागों में पहुंचते हैं।

हमारे शरीर से, पसीने की वजह से, श्वासोच्छवास से और मूत्र के द्वारा पानी बाहर निकलता रहता है। इसलिए शरीर में पानी की कमी हो सकती है और इस कमी को पूरा करने के लिए हमारे शरीर को, प्रतिदिन भरपूर पानी की आवश्यकता होती है। पानी, हमारे शरीर का तापमान नियंत्रित करता है।

पानी, पाचन क्रिया को सही करता है इसलिए हमारे शरीर की हर चयापचय की प्रक्रिया में पानी की आवश्यकता होती है। पानी ऊतकों का संरक्षण भी करता है। इस प्रकार, हमारे शरीर को स्वस्थ रखने और योग्य प्रकार से कार्य करने की क्षमता, पानी से ही मिलती है।

पानी, मनुष्य के विकास में तो सहायक होता ही है, साथ ही पशु पक्षियों और वनस्पतियों का विकास भी जल के बिना असंभव होता है। पशु पक्षियों का जीवन भी हमारी तरह ही जल पर ही निर्भर करता है।  पौधे और वनस्पतियां, अपना भोजन भी पानी के बिना नहीं बना सकते हैं। फोटो सिंथेसिस के के जरिए पेड़ पौधे अपना भोजन बनाते हैं। फोटो सिंथेसिस वह प्रक्रिया होती है जिसमें पौधे, पानी, वायु और सूर्य प्रकाश की सहायता से अपना खाना बनाते हैं।

पेड़ पौधों और वनस्पतियों का हमारे जीवन में कितना महत्व है, यह हम सब अच्छे से जानते हैं। इसलिए जिन पौधों को प्रतिदिन पानी की आवश्यकता होती है, उनकी वृद्धि के लिए, उन्हें हमें रोज पानी देना चाहिए। इस तरह पानी इस तरह इस सृष्टि के सभी सजीवों के जीवन के लिए जल अत्यंत महत्वपूर्ण होता है।

कृषि और उद्योग के क्षेत्र में भी, जल एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। बिना पानी के उद्योग और कृषि का विकास असंभव होता है। फसल का उत्पादन बढ़ाने के लिए पानी एक सबसे महत्वपूर्ण घटक होता है। भारत में 60 से 70% खेती बारीश के पानी पर ही निर्भर करती है। पानी की कमी से फसलों की पैदावार पर विपरित परिणाम होता है। उसी तरह उद्योग और कारखानों के लिए भी पानी जरुरी होता है। पानी का उपयोग बिजली उत्पादन में किया जाता है।

जल का संरक्षण और संवर्धन

वर्तमान परिस्थितियों में जल का संरक्षण और संवर्धन करने की बेहद जरूरत होती है। इसके लिए कुछ उपाय हम कर सकते हैं जैसे- बारीश के पानी का नैसर्गिक रुप से जमाव करना चाहिए। भूमिगत जल का संरक्षण करके, उस जल का प्रयोग घरेलू कार्यों में तथा कृषि और उद्योग के क्षेत्र में करना चाहिए।

दैनिक कार्यों में उपयोग होने वाले जल में कटौती करनी चाहिए। उद्योग धंधों में उपयोग होने वाले पानी का उचित उपयोग करना चाहिए। पानी का रिसायकलिंग करना चाहिए। छत पर जमें हुए बारीश के पानी का उपयोग और बचाव करना चाहिए तथा पानी उपलब्ध कराने वाले सभी स्त्रोतों की उचित देखभाल करनी चाहिए।

उपसंहार

पानी इस सृष्टि के प्रत्येक सजीव के लिए संजीवनी का काम करता है। लेकिन अभी भी हम इसके महत्व को समझते हुए भी अनदेखा करते हैं और पानी का दुरुपयोग और बर्बादी करते हैं। देश में कई ऐसे गांव और शहर है, जहां पानी आराम से मिल जाता है, लेकिन अनेक छोटे छोटे गांवों और कस्बों में स्थिति बहुत भयावह है। वहां पर पानी की इतनी अधिक किल्लत है कि लोग बूंद-बूंद पानी के लिए भी तरसते हैं।

कई महिलाओं को पानी के लिए कोसो दूर चल कर जाना पड़ता है। साथ ही अनेक स्थानों पर हमेशा सुखे की स्थिति बनी रहती है। जल ही जीवन है, इस बात को समझिए और आज से ही जल का महत्व समझते हुए उसका संरक्षण किजिए, नहीं तो आने वाले समय में हमें इसके दुष्परिणाम भुगतने होंगे।

आज आपने क्या सीखा ):-

यहां हमने आपको जल के महत्व पर छोटे तथा बड़े निबंध उपलब्ध कराए हैं। उम्मीद करते हैं आप यह सीख गए होंगे कि इस विषय पर निबंध कैसे लिखना है। यदि हमारे द्वारा लिखे गए यह निबंध आपके लिए उपयोगी साबित हुए हैं तो अपने मित्रों के साथ SHARE करना ना भूले।

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