अनुच्छेद लेखन – पैराग्राफ राइटिंग: बोर्ड की परीक्षाओं और नौकरियों के Exams में अनुच्छेद लेखन (Anuchchhed Lekhan) से संबंधित प्रश्न ज्यादातर पूछा जाता है। CBSE Board, UP board, MP Board के अलावा नौकरी की कई परीक्षाओं में यह लगभग पूछा जाना अनिवार्य है। आज हम इस लेख के माध्यम से बेहतरीन अनुच्छेद कैसे लिखें, सिखाएंगे।
यहां, अनुच्छेद लेखन किसे कहते हैं ? एक अच्छा अनुच्छेद लिखने के समय कौन-कौन सी बातों का ख्याल रखना चाहिए ? अनुच्छेद और निबंध में क्या अंतर है? इन सभी के बारे में Valuable जानकारी उपलब्ध कराई गई है.
अनुच्छेद लेखन क्या है – What is Paragraph Writing in Hindi ?
जब हम किसी भाव या विचार को संप्रेषित करने के लिए छोटे-छोटे वाक्यों के समूह में किसी विषय पर विचार या भाव से संबंधित बात को संक्षिप्त रूप में लिखते हैं, उसे ‘अनुच्छेद-लेखन’ कहते हैं।
इसे सरल ढंग से समझे तो कहा जा सकता है कि “किसी घटना या दृश्य या किसी विषय पर संक्षिप्त यानी कि कम शब्दों में सारगर्भित (प्रभावकारी) तरीके से लिखने की शैली को ‘अनुच्छेद-लेखन’ कहते हैं”
अनुच्छेद निबंध का लघु रूप होता है। अनुच्छेद को अंग्रेजी भाषा में पैराग्राफ कहते हैं। अनुच्छेद लेखन (पैराग्राफ राइटिंग) कम से कम शब्दों में लिखा जाता है। इसलिए अनुच्छेद-लेखन (Anuchchhed Lekhan) में किसी विषय के एक पक्ष के बारे में 100 से 120 शब्दों में विचार व्यक्त किए जाते हैं।
हर अनुच्छेद अपने आप में स्वतंत्र और पूरे होते हैं। अनुच्छेद में विचार केवल एक विषय के किसी एक पक्ष पर केंद्रित होते हैं। इसमें मुख्य विचार या भाव अनुच्छेद के प्रारंभिक यानी शुरुआती पैराग्राफ से शुरू हो जाती है या तो यह अंत में आता है। जबकि आजकल एक अच्छा अनुच्छेद वही माना जाता है, जिसमें मुख्य विचार अन्त में लिखा जाता है।
अच्छे अनुच्छेद की क्या विशेषताएं है – What are the Characteristics of a Good Paragraph in Hindi?
♦एक प्रभावशाली अनुच्छेद में एक विचार या भाव को एक ही बार और एक जगह पर व्यक्त होता है। एक समय में दूसरे विचार नहीं होते हैं।
♦अनुच्छेद के वाक्यों में उद्देश्य स्पष्ट रहता है और अप्रासंगिक बातों को नहीं रखा जाता है। अनुच्छेद में महत्वपूर्ण बातों को ही स्थान दिया जाता है।
♦अनुच्छेद के सभी वाक्य एक-दूसरे से गठित और सम्बद्ध होते है। वाक्य छोटे तथा एक दूसरे से जुड़े होते हैं।
♦अनुच्छेद स्वयं में स्वतन्त्र और पूर्ण रचना होती है। इसमें कोई भी वाक्य अनावश्यक (फालतू) नहीं होता।
♦ एक अच्छे अनुच्छेद में विचारों की श्रंखला होती है। यानी विचारों को एक क्रम में रखा जाता है। पहले आरंभ, फिर उसके बाद मध्य भाग और अंत में निष्कर्ष वाले वाक्य होते हैं। इस तरह से लिखा जाता है कि पढ़ने वाले (पाठक) को समझने में कोई परेशानी न हो।
♦अनुच्छेद छोटा होता है लेकिन विषय के बड़ा होने पर और निर्देश आवश्यकता के अनुसार अनुच्छेद बड़ा भी लिखा जा सकता है। लेखन के संकेत बिंदु के आधार पर विषय का क्रम तैयार करना चाहिए।
♦ हिंदी- भाषा में अनुच्छेद की भाषा सरल और स्पष्ट होनी चाहिए। इसमें हिंदी में स्वीकार किए गए अंग्रेजी शब्द, जैसे- स्कूल, कॉलेज का भी प्रयोग किया जा सकता है लेकिन हिंदी के अर्थ वाले अंग्रेजी के शब्द प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए।
♦अनुच्छेद में एक या दो विशेष से संबंध रखने वाली कविता की पंक्तियां या संबंधित सूक्ति अथवा मुहावरे का इस्तेमाल कर सकते हैं, इससे आपका अनुच्छेद प्रभावशाली हो जाएगा और पढ़ने वाले को सही से संप्रेषित हो जाता है।
बोर्ड की परीक्षाओं और कॉन्पिटिटिव एग्जामिनेशन में अनुच्छेद में विषय से संबंधित एक या दो कविता की पंक्तियां या सूक्ति लिखने से अच्छे नंबर मिलते हैं।
अनुच्छेद लिखते समय सावधानियां – Precautions While writing a Paragraph in Hindi
एक अच्छा अनुच्छेद लिखते समय नीचे दिए गए नियमों को याद रखना चाहिए। अगर आप गलतियां करते हैं तो आपका अनुच्छेद प्रभावशाली नहीं होगा और आपको परीक्षा में पूरे अंक भी नहीं मिलेंगे।
अनुच्छेद लेखन में निम्नलिखित बातों का ध्यान रखिए-
♦बोर्ड की परीक्षाओं और कंपटीशन के Exams में कभी-कभी अनुच्छेद लिखने के विषय के साथ संकेत बिंदु भी दे दिया जाता है। इन संकेत बिंदु के आधार पर ही अनुच्छेद लिखना चाहिए।
♦अगर अनुच्छेद लेखन में संकेत बिंदु नहीं दिया गया है तो अनुच्छेद लिखने से पहले जो विषय दिया गया है, उस पर एक रूपरेखा बनाई जानी चाहिए। यदि अनुच्छेद का केवल विषय दिया है और आप स्वयं उससे संबंधित रूपरेखा बना लेते हैं तो आपका अनुच्छेद लेखन सबसे प्रभावशाली होता है।
♦अनुच्छेद में शब्द सीमा निर्धारित होती है इसलिए अनुच्छेद के विषय के केवल एक ही पक्ष के बारे में लिखें। यदि आप विषय से अलग या उस विषय के कई पक्ष लिखने की कोशिश करेंगे तो अनुच्छेद बड़ा हो जाएगा। साथ ही साथ आप विषय से भी भटक जाएंगे। इसलिए अनुच्छेद में अनावश्यक बातें लिखने से बचें।
♦अनुच्छेद की भाषा सरल, स्पष्ट और अभिव्यक्ति प्रभावशाली होनी चाहिए ताकि पढ़ने वाला आपके अनुच्छेद से प्रभावित हो सके। कठिन शब्दों के स्थान पर एक साधारण वाक्य से भी काम चलाया जा सकता है, अपनी कथन के अनुसार संक्षेप में किया जाना चाहिए.
♦अनुच्छेद लिखते समय दोहराव से बचें। बार-बार एक ही बात को दोहराते हैं तो सीमित शब्दों में लिखे जाने वाले अनुच्छेद प्रभावशाली नहीं रह जाता है। बार-बार वही तक आने से आपकी बात अनुच्छेद के द्वारा लोगों तक नहीं पहुंच सकती है इसलिए अनुच्छेद लिखते समय बार-बार जिसे के दोहराव से बचें।
♦आप अनुच्छेद लिख रहे हैं न कि निबंध इसलिए अनावश्यक विस्तार से बचें। अनुच्छेद हमेशा विषय पर ही लिखना चाहिए। इधर-उधर की बातें नहीं लिखनी चाहिए।
हमेशा शब्द सीमा को ध्यान में रखकर अनुच्छेद लिखिए। एक बात हमेशा ध्यान रखिए कि जो महत्वपूर्ण बातें हैं, उन्हें अपने अनुच्छेद में लिखने की कोशिश करें और जो बातें महत्वपूर्ण नहीं है या उस विषय से संबंधित नहीं है, उन बातों को न लिखें। इस तरीके से आपका अनुच्छेद विषय के अनुकूल और विषय के पक्ष को स्पष्ट करने वाला होता है और सीमित शब्द सीमा में लिख जाता है। अनुच्छेद लेखन करते समय शब्द-सीमा को ध्यान में रखकर ही अनुच्छेद लिखें।
♦अनुच्छेद में हर वाक्य एक के बाद दूसरे बात को स्पष्ट करने वाला वाक्य, जहां आवश्यक हो होना चाहिए। इस तरह लिखने से आपके अनुच्छेद में एकरूपता बनी रहती है।
♦अनुच्छेद का विषय निष्कर्ष के रूप में समझ में आ जाए, इसलिए अनुच्छेद के अंत की एक-दो पंक्तियों में अनुच्छेद का निष्कर्ष अवश्य लिखना चाहिए।
♦अनुच्छेद संक्षिप्त करने की धुन में आवश्यक तत्वों को लिखना ना भूलें, भले ही आप का अनुच्छेद कुछ लंबा हो जाए.
♦भाव अर्थ प्रत्येक दशा में पूर्ण होना चाहिए, भावार्थ पढ़कर ऐसा ना जान पड़े कि इसमें से कुछ बातें निकाल दी गई है और कुछ कहना शेष रह गया है. यह अवश्य देखें पूरे प्रकरण पर अच्छे से समझ ले पहले, इसके बाद अच्छे विचारों का प्रयोग कर अनुच्छेद लिखें.
♦समास और प्रचलित किंतु संक्षिप्त शब्दों को प्रयोग में लाना चाहिए. अलंकारिक भाषा को छोड़कर सरल शब्द शैली का प्रयोग करना चाहिए. विशेषण, क्रिया विशेषण, मुहावरे और कहावतें, उदाहरण और अंतर्गत कथा को छोड़ देना चाहिए.
अनुच्छेद और निबंध में क्या अंतर है – What is Difference between Eassy And Paragraph in Hindi ?
अनुच्छेद और निबंध में अंतर समझ लेंगे तो अच्छा अनुच्छेद लिख पाएंगे. इसलिए यहां पर इन दोनों के बीच दिए गए मुख्य अंतर को बताया गया है –
♦निबंध में भूमिका और उपसंहार विस्तार से लिखा जाता है परंतु अनुच्छेद छोटा होता है इसलिए इसमें लेखक बिना भूमिका के तुरंत विषय आरंभ कर देता है।
♦निबंध में मूल विचार को कई तरीके से विस्तार देकर लिखा जाता है जबकि Anuchchhed Lekhan में इसी विषय के किसी एक पक्ष के बारे में लिखा जाता है इसलिए विशेष से भटकाव नहीं होना चाहिए। अनुच्छेद में लेखक मूल विषय से जुड़ा रहता है और संक्षेप में अपनी बात अनुच्छेद में प्रस्तुत करता है।
अनुच्छेद के उदाहरण – Paragraph writing Examples in Hindi
परीक्षाओं में किसी भी विषय पर अनुच्छेद लिखने के लिए आ सकता है, यहां हमने आपकी सहायता के लिए कुछ अनुच्छेद के उदाहरण दिए हैं जिनसे आप समझ सकते हैं कि अनुच्छेद किस प्रकार लिखा जाता है यह आवश्यक नहीं है कि इनमें से ही किसी विषय पर परीक्षा में अनुच्छेद लिखने को आए-
Q 1. अध्ययन उन्नति की कुंजी है, विषय पर अनुच्छेद लिखें ?
शरीर को भोजन देने से क्रियाशील होता है, उसी प्रकार मस्त सको अच्छी पुस्तकों से संबंधित रखने पर भी गतिशील क्रियाशील रहता है. हमें शब्द ज्ञान व नवीन विचारों का भंडार मिलता है जो हमें अज्ञान और अंधकार से निकाल कर ज्ञान रूपी प्रकाश में ले जाता है. इससे मानव में मानवीय गुणों का आविर्भाव होता है और ज्ञान नेत्र खोले जाते हैं. क्योंकि बिना ज्ञान व शिक्षा के मनुष्य अंधकार भरे जीवन में पड़ा रहता है. ज्ञानार्जन के अभाव में उसकी उन्नति रुक जाती है. अध्ययन उन्नति की कुंजी है इससे, उत्थान का रहस्य है, ज्ञान नेत्र खुलते हैं, मस्तिष्क का विकास होता है, साहित्य में गति होती है, कला कौशल से परिचय होता है, विज्ञान से परिचय होता है, ज्ञान का भंडार बढ़ता है और कब सभ्यता का सूर्य चमकने लगता है.
Q 2. साहित्य में सामाजिक संगठन, विषय पर अनुच्छेद लिखें ?
साहित्य की भूमि पर कालिदास और तुलसीदास जितने हमारे हैं, उतनी सारे विश्व के हैं और शेक्सपियर, टॉलस्टॉय आदि जितने अपने देश के हैं उतने ही हमारे हैं. हमारी धरती पर दीवारें खड़ी करके उसे बांट सकते हैं, और उन दीवारों की ऊंचाई से आकाश खंड खंड नहीं हो सकता. हम कॉल कर बादलों का बंटवारा नहीं कर सकते. सूर्य की किरणों को विभाजित नहीं कर सकते और गिन कर तारों को नहीं ले सकते, अबे सब के होने के साथ-साथ प्रत्येक के हैं. इसी प्रकार की एकता साहित्य में मिलती हैं. यदि जीवन में हम नई पीढ़ी की एकता बनाए रखना चाहते हैं, तो हमे शिक्षा में साहित्य और संस्कृति को ऐसा महत्वपूर्ण स्थान देना होगा, जिससे विद्यार्थी को मानव एकता और विश्व बंधुत्व का संकेत प्राप्त हो सके और वह अधिक महत्वपूर्ण मनुष्य बन सके.
Q 3. विद्यार्थी जीवन का उद्देश्य, विषय पर अनुच्छेद लिखें ?
मन लगाकर अध्ययन करना विद्यार्थी का सबसे बड़ा कर्तव्य है. धैर्य एवं नम्रता के साथ विद्या एवं अनेक गुणों की प्राप्ति उसके जीवन का प्रमुख उद्देश्य होना चाहिए. साहस, त्याग, सहनशीलता, सत्यवादी और कर्तव्य परायण आदि गुणों को ग्रहण कर बुरी आदतों को दूर करना चाहिए. राष्ट्र के भविष्य का दायित्व आज के विद्यार्थी के कंधों पर है. अतः विद्यार्थी के प्रति भी उसके कुछ दायित्व हैं, जिनके निर्वाह के लिए विद्यार्थी को समुचित रूप से तैयार होना चाहिए. इस जीवन की उपेक्षा संपूर्ण जीवन की उपेक्षा है और इसका सुंदर निर्वाह जीवन के सुंदर निर्वाह का सूचक है.
कोरोना, एक प्रकार का वायरस (विषाणु) है, जो शरीर के अंदर जाकर इंफेक्शन फैलाता है और सीधा हमारे श्वसनतंत्र को प्रभावित करता है। कोरोना जैसा कि नाम से ही जाहिर है, इसका लेटिन भाषा में अर्थ होता है क्राउन यानी मुकुट, क्योंकि इसकी सतह पर लगे कांटों से, यह दिखने में एक मुकुट की तरह दिखता है। COVID-19, कोरोना विषाणु की वजह से फैलने वाला रोग है। COVID-19 में CO कोरोना का, VI वायरस का और D डिसीज यानी बिमारी का लघुरुप हैं और 19 यह 2019 को निर्देशित करता है। जिस व्यक्ति को कोरोना के विषाणु ने जकड़ा होता है, उसकी छींक या खांसी से, और सांस लेने पर मुंह से छोटी-छोटी विषाणु युक्त बूंदें जमीन पर गिरती है और इन बूंदों के संपर्क में आने वाले को भी इसका संक्रमण होने का डर बना रहता है। इसके लक्षणों की बात करें तो कई लोग ऐसे हैं जिनमें इसके कोई भी लक्षण दिखाई नहीं देते हैं, और कई लोगों को इससे बहुत ज्यादा तकलीफ़ होकर उनकी जान भी जा सकती हैं। रोग प्रतिरोध शक्ति कम होने पर भी व्यक्ति इससे जल्दी प्रभावित हो सकता है। कोरोना के प्रमुख लक्षण है, तेज बुखार, सुखी खांसी, मांसपेशियों में असहनीय दर्द और सांस लेने में दिक्कत। इससे बचाव के लिए भांप और काढा जैसे कुछ अन्य घरेलू उपाय करना चाहिए, कोरोना से बचाव के फिलहाल सबसे महत्वपूर्ण और अत्यावश्यक उपाय है सावधानी, सतर्कता और सरकार द्वारा बनाए गए नियमों का सख्ती से पालन करना, जिनमें सेनिटाइजर, मास्क का प्रयोग और सोशल डिस्टेंसिंग और स्वच्छता प्रमुख हैं। हमें याद रखना होगा कि कोरोना से हमें डरकर नहीं, लड़कर ही जीतना होगा।
Q 5. पढ़ाई की उचित व्यवस्था, विषय पर अनुच्छेद लिखें ?
भारत ऋषि-मुनियों और ज्ञानियों का देश है, प्राचीन काल से ही यहां शिक्षा पर बहुत बल दिया जाता है। पहले के जमाने में गुरुकुल व्यवस्था होती थी, जिसमें छोटे-छोटे बच्चों को गुरुकुल में ही रहकर श्रेष्ठ गुरुओं के द्वारा शिक्षा लेने की परंपरा थी। यही परंपरा आगे बढ़ती गई। समय के साथ गुरुकुल तो नहीं रहें, परंतु उनकी जगह पर स्कुल और कॉलेज आ गए जहां पर बच्चे प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षण प्राप्त करते हुए जीवन के लिए तैयार होते हैं। परंतु कई बच्चें, गरीबी, पारिवारिक स्थति या किसी अन्य मजबूरी के चलते शिक्षा का लाभ उठाने से वंचित रह जाते हैं। सरकार उनकी शिक्षा के लिए बहुत प्रयास भी करती है, जैसे मुफ्त शिक्षा, खाना, किताबें और अन्य सुविधाएं जैसे शिक्षावृत्ति आदि देकर प्रोत्साहित करती है। साथ ही ऐसे में यदि माहौल अनुकूल और बच्चों को पसंद आने वाला हो तो बच्चें खुशी खुशी शिक्षण संस्थाओं में आना पसंद करते हैं। एक शिक्षण संस्थान का सारा दारोमदार वहां के प्रिंसिपल पर होता है, जो अपने सहयोगियों के साथ मिलकर संस्थान में कई ऐसी व्यवस्थाओं को लागू कर सकते हैं जो बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए आवश्यक होने के साथ साथ उनका सर्वांगीण विकास करने में भी सहायक साबित हो सकती है।
Q 6. सफलता का मूलमंत्र : अभ्यास, विषय पर अनुच्छेद लिखें ?
“करत करत अभ्यास के, जड़मति होता सुजान”, इस पंक्ति से हम यह समझ सकते हैं कि निरंतर अभ्यास करने से, एक मंदबुद्धि भी बुद्धिमान हो सकता है। अर्थात जीवन में अभ्यास का बड़ा ही महत्व है। बिना अभ्यास के हम किसी भी विषय और विधा में पारंगत नहीं हो सकते हैं। एक नन्हा बालक भी चलने के प्रयास में, कई बार गिरता है, परंतु गिरकर फिर से खड़ा हो जाता है और फिर से चलने की कोशिश करता है।बार बार असफल होने के बावजूद वह प्रयत्न नहीं छोड़ता और एक दिन बिना किसी सहारे के चलने लगता है। यहीं अभ्यास की शक्ति है। इसी प्रकार किसी भी क्षेत्र में सफल होने के लिए हमें मेहनत और लगन के साथ साथ निरंतर अभ्यास की भी आवश्यकता होती है। जीवन में कोई भी काम उतना मुश्किल नहीं है जितना हम अपनी सोच से उसे बना देते हैं। पहले प्रयास में शायद हमें सफलता नहीं मिले, परंतु इसका मतलब यह तो नहीं कि हम दुबारा कोशिश ही ना करें। हमें अपनी कमियों का आकलन करके, उनको दूर करने का प्रयास करना चाहिए और अपनी कमजोरियों को, निरंतर अभ्यास से मात देकर दुगने उत्साह से फिर से कोशिश करनी चाहिए। इस प्रकार कोशिश करते रहने से सफलता अवश्य मिलती है। आज के इस प्रतियोगिता भरे दौर में, किसी भी विषय का आपका ज्ञान और अभ्यास ही आपको भीड़ से अलग दिखाएगा। अतः जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए, निरंतर अभ्यास और मेहनत का कोई भी विकल्प नहीं है।
सामान्य भाषा में पर्यावरण का अर्थ “हमारे आसपास का वह घेरा या परिसर” होता है, जिसमें सभी सजीव तथा निर्जीव वस्तुओं और प्राणियों का समावेश होता है। इंसान, पेड-पौधें, जीव-जंतु, पशु पक्षी, हवा, पानी, पर्वत, जमीन, जंगल, इन सभी को मिलाकर ही परिसर बनता है, और ये सब घटक किसी ना किसी रूप में एक दूसरे पर निर्भर करतें हैं। प्रकृति ने इन सभी घटकों में एक संतुलन स्थापित किया है, परंतु मनुष्य, प्रकृति द्वारा निर्मित इस व्यवस्था में हस्तक्षेप करने लगा है, जिसके फलस्वरूप प्रकृति का यह संतुलन बिगड़ता ही जा रहा है। साथ ही पर्यावरण पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ रहा है, और प्रदूषण जैसी समस्याएं निर्मित हो रही हैं। दिन पर दिन बढ़ती जा रही जनसंख्या की वजह से गांवों का निरंतर शहरीकरण होता जा रहा है, जिससे जंगल और पहाड़ काटे जा रहे हैं। पेड़ों को बड़ी मात्रा में कांटे जाने से पर्यावरण में निहित हवा में कार्बन डाइऑक्साइड और ऑक्सीजन का अनुपात बिगड़ रहा है। कारखानों से निकलने वाला धुआं भी वातावरण को प्रदूषित करता है। आज ऐसी अनेक बातें हैं जो मानव, प्रकृति के विरुद्ध जाकर कर रहा है, जिसका असर सबसे अधिक पर्यावरण पर ही हो रहा है और इसके दुष्परिणाम भी दिखने लगे हैं, जो कि निकट भविष्य में और भी विकराल रूप धारण कर सकते हैं। अतः हमें आज ही समझदारी दिखाते हुए, पर्यावरण को सुरक्षित करने हेतु प्रयास करने चाहिए। इसके लिए ज्यादा से ज्यादा पेड़ों को लगाएं जाने पर जोर देना चाहिए। जनसंख्या को नियंत्रित करने का प्रयास करना चाहिए। हमारे इन छोटे छोटे योगदानों से हम स्वयं को स्वस्थ और हमारी प्रकृति और पर्यावरण को स्वच्छ तो बना ही सकते हैं।
Q 8. लॉकडाउन : आवश्यकता और लाभ, विषय पर अनुच्छेद लिखें ?
लॉकडाउन का अर्थ होता है, एक निश्चित या अनिश्चित समय के लिए अपने घरों में बंद हो जाना, इसे हिंदी में “तालाबंदी” भी कह सकते हैं। किसी भी आपातकालीन स्थिति जैसे महामारी या कोई अन्य विपदा के समय जब लोगों का अपने घरों से बाहर निकलना खतरनाक हो सकता है, तब सरकार द्वारा इसे लागू किया जाता है और कुछ नियम बनाए जाते हैं, जिनका पालन, जनता को सख्ती से करने की सलाह दी जाती है,और नियम उल्लंघन करने पर आवश्यक कार्रवाई की जाती है। परंतु लोगों को किसी भी बात की परेशानी ना हो इसका भी ध्यान रखा जाता हैं अतः यह नियम अत्यावश्यक सेवाओं जैसे चिकित्सा, किराना, बेंकिंग, पुलिस, मिडिया, सफाई व्यवस्था आदि पर लागू नहीं होते हैं। किसी भी प्रकार की ऐसी महामारी, जो जानलेवा हो,जिसका संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलने का डर होता है,साथ ही जिसका कोई भी इलाज नहीं मिल पाया है, इस स्थिती में लॉकडाउन करना अत्यावश्यक हो जाता है,जिससे कि लोग अपने घरों में सुरक्षित रह सके। लॉकडाउन से लोगों को जहां ढेरों परेशानियों का सामना करना पड़ा है, वहीं पर इसके कुछ लाभ भी है, जैसे वाहन कम चलने से, प्रदुषण कम हो गया है तथा सड़क दुर्घटनाओं का प्रमाण भी कम हुआ है, नदियां साफ हो गई हैं, लोगों में सफाई को लेकर जागरूकता बढ़ गई है जिससे बिमारियां कम हो रही है। सबसे बड़ी बात घर में ही रहने की वजह से लोग अपनों के ज्यादा करीब आ गए हैं।
♦Conclusion♦
आप सभी के मन में एक प्रश्न जरूर आता होगा कि अनुच्छेद यानी पैराग्राफ का क्या महत्व है और अनुच्छेद लेखन परीक्षाओं में क्यों पूछा जाता है? चलिए इसका जवाब जानते हैं:
कम से कम शब्दों में किसी विषय के एक पक्ष पर विद्यार्थियों की अभिव्यक्ति के स्तर को जांचने के लिए अनुच्छेद-लेखन (Paragraph writing in Hindi) पर आधारित प्रश्न पूछा जाता है। Anuchchhed Lekhan के माध्यम से छात्रों में उनकी भाषा पर पकड़, सोचने और रचनात्मकता की क्षमता की परख को भी जाना जाता है।
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