अंजीर का परिचय, औषधीय गुण और फायदे

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Anjeer ke Fayde: दोस्तों, सेहत से बढ़कर और कोई खजाना नहीं होता है- “एक सेहत हजार नेमत”। मतलब यदि आप स्वस्थ हैं तो इससे बढ़कर और कोई धन दौलत नहीं हो सकती है। क्योंकि एक स्वस्थ शरीर में ही एक स्वस्थ मस्तिष्क का विकास होता है। स्वस्थ रहने के लिए, एक नियमित दिनचर्या का होना भी बेहद आवश्यक है। जिसमें सबसे महत्वपूर्ण है,  व्यायाम और दूसरा पोषक आहार।

पोषक आहार, वह है जिसमें हमारे शरीर और मस्तिष्क के विकास में सहायक सभी घटक, जैसे- प्रोटिन, विटामिन, कार्बोहाइड्रेट, मिनरल्स आदि एक सही मात्रा में हो। क्योंकि हर घटक का अपना महत्व, कार्य और विशेषता होती है। और हमारे शरीर के निर्माण से लेकर आगे की सारी Groth ही पोषक आहार पर निर्भर होती है।

तरह तरह की सब्जीयां, अनाज व फलों इत्यादि में हमें वे सारे ही पोषक तत्व मिल जाते हैं जो हमारे अच्छे स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं। दोस्तों, ताजे फल तो होते ही हैं सेहत से भरपूर साथ ही फलों को सूखाकर भी उपयोग में लाया जाता हैं, और इससे उनकी गुणवत्ता में कोई फर्क भी नहीं पड़ता है, बल्कि इनके औषधीय गुण और भी बढ़ जाते हैं। सुखाएं हुए इन्हीं फलों को सुखा मेवा, या ड्राय फ्रूट भी कहा जाता है।

अखरोट, बादाम, काजू, किशमिश, अंजीर, खजूर इत्यादि मेवे सेहत से भरपूर तो है ही साथ ही स्वाद में भी बहुत ही अच्छे लगते है और सभी के अपने गुणधर्म और उपयोग और फायदे होते हैं।

हम इस लेख में खासकर अंजीर के बारे में बात करेंगे. जैसे- अंजीर क्या है (What is Anjeer in Hindi), अंजीर को कैसे खाए (How to eat Anjeer in Hindi), अंजीर के फायदे और नुकसान (Benifits of Anjeer in Hindi), अंजीर की पैदावार कैसे होती है, अंजीर की प्रजातियां इत्यादि.

Anjeer ke Fayde
Anjeer ke Fayde

अंजीर का परिचय – Introduction of fig in Hindi

अंजीर को संस्कृत में अंजीरम (Name of Anjeer in Sanskrit) और इंग्लिश में फिग (Name of Anjeer in English) के नाम से जाना जाता है। इसका साइंटिफिक नाम Ficus Carica (फ़िकस कैरिका) हैं। स्पेन, इटली, तुर्की, पुर्तगाल में अंजीर की खेती (Fig Farming in Hindi) व्यवसाय की दृष्टि से बड़े प्रमाण पर की जाती है। अंजीर भूमध्यसागरीय तटों पर स्थित देशों में बहुत अच्छे प्रकार से पकता है क्योंकि वहां का वातावरण इसमें सहायक होता है।

अंजीर, का पेड़ साधारणतया 3 से 10 मी तक बढ़ता है। इसके पत्ते 10 से 25 से मी0 लंबे होते हैं। इस पेड़ की छाल रंग की होती है। अंजीर का फल जब कच्चा होता है, तब इसका छिलका हरे रंग का होता है और जब यह फल पक जाता है तो यह थोड़ा चॉकलेटी (गहरे जामुनी रंग का) रंग का हो जाता है। अंजीर का फल, 3 से 5 से मी0 तक का होता है। अंजीर की अपनी कोई सुगंध नहीं होती है।

अंजीर क्या होता है – What is fig in Hindi ?

अंजीर एक स्वादिष्ट और पौष्टिक सुखा मेवा है। अंजीर भी सेहतमंद तत्वो से भरपूर एक बेहतरीन ड्राय फ्रूट है। जो औषधीय गुणों से भी भरपूर होता है। अनेकों प्रकार की बीमारी में अंजीर चमत्कारी प्रभाव दिखाता है. अंजीर खाने के फायदे के बारे में जानते हैं.

अंजीर के फायदे  – Anjeer ke Fayde

अंजीर को सुखाकर तो खाया ही जाता है, साथ ही इसे कच्चा भी खा सकते हैं। हालांकि दोनों के स्वाद में फरक होता है. अंजीर एक मौसमी फल है। परंतु सुखा हुआ अंजीर साल भर बाजार में आसानी से उपलब्ध होता है। अंजीर खाने के बहुत से फायदे हैं इनमें से कुछ के बारे में यहां बताया गया है-

♦अंजीर, विटामिन ए, बी1, बी2, केल्शियम, पोटेशियम, आयरन, मेग्निशियम, क्लोरिन, और सोडियम व जिंक आदि घटकों का एक उत्तम स्त्रोत है। जिनकी हमारे शरीर को अत्यंत आवश्यकता होती है।

♦अन्य सुखे मेवों की तुलना में, अंजीर में रेशे यानी फायबर अधिक पाएं जाते है जिससे यह पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करने, मधुमेह को नियंत्रित करने और मोटापे को कम करने में सहायक होते हैं।

♦अंजीर में प्रचुर मात्रा में पाएं जाने वाले पोटेशियम और कम मात्रा में पाएं जाने वाले सोडियम घटक, उच्च रक्त दाब को नियंत्रण रखने में सहायक होते हैं। और हृदय तक रक्त को पहुंचाने में मदद करते हैं।  पोटेशियम, रक्त में शर्करा की मात्रा को नियंत्रित करता है तथा रक्त को शुद्ध करने में सहायक होता है।

♦अंजीर में क्लोरीन की भी अच्छी मात्रा पाई जाती है, जो हड्डियों को मजबूत बनाने का काम करती है। इसका प्रयोग हड्डी संबंधित रोगो के उपचार में किया जाता है।

♦आयरन, मेग्निशियम और जिंक युक्त अंजीर, महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए भी बहुत गुणकारी है। यह प्रजनन तंत्र को अच्छी तरह से विकसित करने, मेनोपॉज संबंधित समस्याओं को दूर करने में, हार्मोन्स को संतुलित करने में और किशोर उम्र की लड़कियों पिरियड संबंधित अनेक समस्याओं को दूर करने में सहायक है।अतः महिलाओं को विशेषतः अंजीर अवश्य खाना चाहिए।

♦अंजीर को दूध में मिलाकर पीने से इसकी गुणवत्ता और भी बढ़ जाती है। और शरीर में ताकत और उर्जा की मात्रा बढ़ती है।

♦कच्चे अंजीर में, सुखे अंजीर के मुकाबले ज्यादा पौष्टिक तत्व होते हैं, अतः संभव हो तो कच्चा और ताजा अंजीर ही खाएं।

♦अंजीर में ओमेगा 3 और ओमेगा 6 की प्रचुर मात्रा होती है, जिससे यह हृदय संबंधी रोगों को नियंत्रण में रखता है।

♦एक्जिमा, त्वचा संबंधित एक ऐसी बीमारी है, जिसमें त्वचा में चकत्ते से आ जाते हैं, और खुजली भी होती है। यह रोग जल्दी ठीक भी नहीं होती। ऐसे में कोई अंजीर के पत्ते को पीसकर एक्जिमा वाले स्थान पर लगाना चाहिए। इससे एक्जिमा में फायदा होता है।

♦अंजीर कफ और वात नाशक होता है। साथ ही साथ अंजीर, पित्त दोष नाशक होता है।

♦TB के रोगी रोज 1 अंजीर फल का सेवन करें। इससे उन्हें बहुत फायदा मिलेगा। टी.बी एक ऐसी बीमारी है, जो भारत में बड़ी बीमारी का रूप लेती जा रही है। इसकी रोकथाम के लिए सरकारों द्वारा कई स्तर पर कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।

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Attention !!

यूं तो अंजीर को खाने से फायदे ही बहुत है पर इसके अति सेवन से नुकसान भी हो सकता है। जैसे, अंजीर के अति सेवन से पाचन तंत्र प्रभावित हो सकता है। और इसका जरुरत से ज्यादा सेवन हमारे दांतों को सड़ा सकता है। पित्त की भी समस्या निर्मित हो सकती है। अतः अंजीर को सही मात्रा में ही खाएं।

अंजीर की खेती – Fig Farming in Hindi

अंजीर के गुण और दोष तो हमने जान लिए, तो चलिए अब हम अंजीर के विषय में और अधिक जानकारी प्राप्त करते है जैसे ये कहां और किन परिस्थितियों में उगता है और इसकी पैदावार कैसे होती है।

♦उपयुक्त हवामान – Suitable wind for Fig farming in Hindi

अंजीर की खेती उष्ण ( गर्म) और शुष्क वातावरण में  की जाती है। वैसे कम उष्णता होने से इसकी पैदावार पर ज्यादा असर नहीं पड़ता है, परंतु नमी वाला वातावरण जरुर इसके लिए नुकसानदायक साबित होता है। अंजीर के पौधे को ज्यादा पानी की भी आवश्यकता नहीं होती है। अतः अंजीर की खेती के लिए सबसे उपयुक्त जगह राजस्थान और महाराष्ट्र हैं। पर अब देश के अन्य कुछ भागों में भी इसकी खेती की जा रही है।

♦उपयुक्त जमीन और मिट्टी – Suitable soil for Fig farming in Hindi

अंजीर की खेती के लिए सिर्फ काली मिट्टी वाली जमीन नहीं होना चाहिए, बल्कि भरपूर चुना पत्थर युक्त लाल-काली मिट्टी वाली जमीन इसकी पैदावार के लिए उपयुक्त मानी जाती है।

♦बुआई का उपयुक्त समय – Suitable sowing time for fig farming in Hindi

बारिश का मौसम शुरू होने से पहले अप्रैल के आखिर में या मई महिने में, किसान एक निश्चित अंतराल पर (लगभग 5 से 6 मीटर ) जमीन में छोटे छोटे गड्ढे कर लेते हैं। फिर उन गड्ढों को उपयुक्त मिट्टी और कुछ रासायनिक खाद मिलाकर भर देते हैं।  जून जुलाई में जब बारीश होकर जमीन गीली हो जाती है, तो अंजीर के पौधों को उन गड्ढों के बीचों-बीच बो दिया जाता हैं। फिर कुछ दिन तक नियमित पानी देते रहना होता है। अंजीर के पौधों को ज्यादा रासायनिक खाद की आवश्यकता नहीं होती है।

अंजीर के पौधों पर साल में दो बार फल आते हैं। इन्हें खट्टा बहार, और मीठा बहार इन नामों से जाना जाता है। खट्टा बहार में फल बरसात के मौसम में तैयार होते हैं,जो खाने में बिल्कुल भी स्वादिष्ट नहीं होते हैं। इसी प्रकार मीठे बहार में फल गर्मियों में आते हैं जो अच्छे होते हैं। अंजीर के पौधों का बड़े ही संयमपूर्वक और जतन से ध्यान रखना होता है। ये जितना बड़ा होता जाता है, उतने ही अच्छे और ज्यादा फल देता है।

अंजीर की प्रजातियां – Species of Fig in Hindi

पूरे विश्व में अंजीर की लगभग 500 से भी ज्यादा प्रजातियां पाई जाती हैं, उनमें से जो प्रमुख हैं वो कडोता, मार्सेल्स, केलिमिरना, ब्राउन तुर्की, एड्रियाटिक इत्यादि प्रसिद्ध है। इन्हें अलग-अलग नामों से जाना जाता है। गुलाबी, लाल, काली, सफेद, छोटी, बड़ी, तुर्की ऐसी अनेक जातियों में अंजीर पाया जाता है। आकार और रंग में फरक होने से इसके गुणों पर कोई फर्क नहीं पड़ता है। भारत में अंजीर की सबसे ज्यादा प्रसिद्ध और उत्तम प्रति की पूना अंजीर है।

♦Conclusion♦

तो दोस्तों, उम्मीद है अब आपको अंजीर के विषय में आवश्यक जानकारी मिल गई होगी। साथ ही आपने अंजीर के फायदे (Anjeer ke fayde) भी जान लिए है, तो आप भी अच्छे स्वास्थ्य और बीमारियों के निदान के लिए अपने रोज के आहार में अंजीर को अवश्य शामिल करें। यदि आपको हमारा यह लेख “अंजीर का परिचय, औषधीय गुण और फायदे” पसंद आया हो तो कमेंट के माध्यम से जरूर बताएं.

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