Amitabh Bachchan Biography in Hindi: बॉलीवुड के नायक, महान अभिनेता, लेखक एवं विचारक अमिताभ बच्चन ने भारतीय सिनेमा जगत (बॉलीवुड) मी अपना असीम योगदान दिया है. बच्चन जी ने अपने अभिनय के दम पर “बॉलीवुड के महानायक” का खिताब अपने नाम किया है. “अमिताभ बच्चन जी की जीवनी” (Biography of Amitabh Bachchanin Hindi) इस लेख में संक्षेप में उपलब्ध है.
अमिताभ बच्चन यूं ही बॉलीवुड के बिग बी नहीं बने उन्होंने भी अपने जीवन में अत्यधिक परिश्रम और मेहनत की इस लेख में हमने बच्चन जी के शून्य से शिखर तक के जोखिम से भरपूर उनके जीवन के सफर के बारे में यहां हमने अच्छे से बताया है. आइए बॉलीवुड के महानायक के बारे में (About the Amitabh Bachchan) पढ़ते हैं.
Amitabh Bachchan Biography in Hindi (अमिताभ बच्चन की प्रेरणादायक जीवनी)
सिनेमा के इतिहास में अपने अभिनय के द्वारा अमिट छाप छोड़ने वाले दिग्गज कलोकारों के नाम दर्ज हैं। उन्ही कलाकारों में से एक नाम ऐसा भी है जो लगातार चार दशकों से आज भी बच्चा –बच्चा ही नहीं ,युवा एवं बड़े –बुजुर्गो की जुंबान पर भी समान रूप से रहता हैं, कहने की आवश्यकता नहीं कि वह नाम अमिताभ बच्चन के अलाना और किसी की नहीं हो सकता, जो दुनियाभर में ‘बिग बी’ एव शताब्दी के महानायक के महानायक के रूप में प्रसिद्ध हैं।
अमिताभ बच्चन का जन्म 11 अक्टूबर 1942 को उत्तर प्रदेश के हलाहाबाद में हुआ था। उनके पिता डॉ0 हरिवंश राय बच्चन हिन्दी के प्रसिद्ध कवि थे तथा उनकी माँ तेजी बच्चन एक उच्च शिक्षित एवं आधुनिक विचारों की महिला थीं। अमिताभ बच्चन की प्रारम्भिक शिक्षा इलाहाबाद के सेण्ट मेरी स्कूल में हुई । इसके बाद उन्हे नैनिताल स्थित प्रसिद्ध विद्यालय ,शेरवुड में भेजा गया। शेरवुड से अपनी स्कूली शिक्षा प्राप्त करने के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय के किरोड़ीगल कॉलेज से उन्होंने स्नातक की उपाधि प्राप्त की।
इसी कॉलेज में पढ़ने के दौरान इन्होंने अभिनय को अपना करियर बनाने का फैसला किया था। पढाई पूरी करने के बाद उन्होंने नौकरी के लिए कई जगहों पर आवेदन किया औऱ जब कलकत्ता स्थित एक कम्पनी से उन्हे नौकरी के लिए बुलावा आया, तो वे वहाँ चले गए । इस कम्पनी में उन्होंने दो वर्षो तक काम किया।
नौकरी करने के दौरान उनके अन्दर का अभिनेता उन्हें अभिनय की दुनिया में हाथ आजमाने के लिए उकसाता रहता था। इसलिए उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी और वर्ष 1969 में सत्ताईस वर्ष की उम्र में मुम्बई चले गए । यह सच है कि सफलता किसी को आसानी से नहीं मिलती । बच्चन को भी खुद को स्थापित करने के लिए संघर्ष करना पड़ा।
यूँ तो अमिताभ ने फिल्मों में अपने करियर की शुरूआत वर्ष 1969 में ख्वाजा अहमद अब्बास के निर्देशन में बनी फिल्म ‘सात हिन्दुस्तानी ’ से की ,जिसमे उनके किरदार का नाम ‘अनवर अली’ लेकिन फिल्म चली नहीं । इसके बाद वर्ष 1969 से 1972 तक का समय उनके लिए संघर्ष का था, हालाँकि इस दौरान बच्चन की कई फिल्में आई, किन्तु राजेश खन्ना के साथ उनकी फिल्म ‘आनन्द’(1971) विशेष रूपसे उल्लेखनीय रही. जिसमें डॉ0 भास्कर बनर्जी की भूमिका के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ट सहायक अभिनेता का फिल्मफेयर अवार्ड दिया गया।
अमिताभ के करियर में एक नया मोड़ वर्ष 1973 में प्रकाश मेहरा की फिल्म ‘जंजीर’ के रिलीज होने के बाद आया। इस फिल्म में पुलिस इंस्पेक्टर का जीवन्त अभिनय करने के कारण उन्हें ‘एंग्री यंगमैन’ कहा जाने लगा। इस फिल्म में बॉक्स ऑफिस पर सफलता के झण्ड़े गाड़ दिए और अमिताभ बच्चन एक सुपर स्टार के रूप में बॉलीवुड में स्थापित की गए। 3 जून 1973 को उनका विवाह जया भादुड़ी से हुआ । वर्ष 1975 में बनी फिल्म ‘शोले ,’जिसमें उन्होनें नायक (जय) की भूमिका की थी, ने सफलता के नए कीर्तिमान स्थापित किए एवं हिन्दी फिल्म के इतिहास में सर्वाधिक व्यवसाय करने वाली फिल्म बनी , इसके बाद अमिताभ बच्चन एक सुपर स्टार के रूप मे प्रसिद्ध एवं लोकप्रिय हो गए।
वर्ष 1982 में फिल्म ‘कुली ’ की शूटिंग के दौरान खलनायक पुनीत इस्सर द्वारा मारे गए घूँसे से उनके पेट में गम्भीर चोट आई ,जिसके कारण उनकी स्थिति गम्भीर हो गई औऱ उन्हे अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा । उनके घायल होने की खबर सुनकर देश के कोने-कोने से उनके चाहने वालों ने प्रार्थनाएँ की । उस समय मन्दिर, मस्जिद, गुरूद्वारा एवं गिरिजाघरों में उनके अच्छे स्वास्थ्य के लिए पूजा एवं प्रार्थना करने वाले लोगों की भीड़ एक सामान्य बात थी। इस घटना से सहज के अनुसार लगाया जा सकता है कि लोगों के दिल में उनके लिए कितना प्रेम था।
पूरा किए बिना । तीन साल बाद वर्ष 1987 में अपने पद से इस्तीफा दे दिया तथा राजनीति से एक दूरी बना ली। तीन साल (1984-47) की अवधि के बाद वर्ष 1958 में अमिताभ पुन:फिल्मों में लौट आए,। इसके बाद उन्होंने कई फिल्मों मे काम किया, किन्तु उनकी अधिकांश फिल्में अच्छा व्यवसाय नहीं कर सकीं । वर्ष 1996 में व्यवसाय के क्षेत्र में कदम रखते हुए उन्होंने एबीसीएल (अमिताभ बच्चन कॉर्पेशन लिमिटेड) नामक कम्पनी की स्थापना की । इस कम्पनी के कार्यो में व्यावसायिक फिल्मों का निर्माण एवं वितरण, ऑडियो-विडियो कैसेट, डिस्क उत्पादन एव इवेण्ट प्रबन्धन के अतिरिक्त मनोंरजन उद्योग से सम्बन्धित अन्य कार्य शामिल थे।
इस कम्पनी के द्वारा उन्होंने ‘मृत्युदाता’ फिल्म का निर्माण किया तथा वर्ष 1997 में बंगलौर (बंगलुरू)मे मिस वर्ल्ड
प्रतियोगिता ,1996 का आयोजन एक प्रमुख प्रायोजक के तौर पर किया। एबीसीएल को काफी घाटा हुआ एव इसके
कारण अमिताभ की आर्थिक स्थिति खराब हो गई। व्यावसायिक असफलता से उबरने के लिए वे पुन:अभिनय के क्षेत्र में लौट आए।
वर्ष 2000 में टेलीविजन रियलिटी शो ‘कौन बनेगा करोड़पति’ के द्वारा उन्होंने टोलीविज़न की दुनिया में कदम रखा और न केवल अपनी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ की, बल्कि शोहरत एवं सफलता की एक ऐसी नई ऊँचाई भी हासिल की, जहाँ पहुँचने के बारे में आम इंसान सोच भी नहीं सकता। ‘कौन बनेगा करोड़पति’ को काफी सफलता मिली एवं वर्ष 2000 के वाद वर्ष 2005 एवं 2010 से लेकर अभी तक शो के होस्ट हैं ।
अमिताभ बच्चन बहुमुखों प्रतिभा के धनी हैं । अभिनय के अतिरिक्त उन्होंने कई फिल्मों में पार्श्व गायन भी किया है तथा निर्माता के रूप में कुछ फिल्मों का निर्माण भी किया है। अपने चालीस वर्ष से अधिक के फिल्मी करियर में डेढ़ सौ से अधिक फिल्मों में काम कर चुके हैं। उनकी मुख्य भूमिका वाली कुछ प्रसिद्ध फिल्में (Amitabh Bachchan movies) इस प्रकार हैं-
‘सात हिन्दुस्तानी’(1969),‘आन्नद’ (1971),‘बाँम्बे टू गोवा’(1972),‘ज़ंजीर’(1973),‘अभिमान’ (1973), ‘मजबूर’(1974), ‘दीवार’(1974),‘शोले’(1975),‘कभी-कभी’(1976),‘अमर अकबर एन्थोनी’(1977),‘खून-
पसीना’(1977),‘त्रिशूल’(1978),‘डाँन’(1978),‘मुकद्दर का सिकन्दर’(1978),‘मिस्टर नटवरलाल’(1979),
‘नसीब’(1981),‘लावारिस’(1981),‘सिलसिला’(1981),‘याराना’(1981),‘कालिया’(1981),‘देशप्रेमी’(1982,‘नमकहलाल’(1982),‘शक्ति’(1982),‘कुली’(1983),‘शराबी’(1984),‘शहंशाह’(1988).‘तूफान’(1989),आजकाअर्जुन’ (1990),‘अग्निपथ’(1990),‘अजूबा’(1991),‘खुदागवाह’(1992),‘इंसानियत’(1994),‘मृत्युदाता’(1997),‘लाल बादशाह’(1999).‘सूर्यवंशम’(1999),‘कभी खुशी कभी गम’.
महानायक को अपार सफलता हासिल होने के पश्चात उन्हें उनकी कला और अभिनय के लिए बहुत से पुरस्कार दिए गए जिनमें से कुछ अन्य प्रकार हैं- 1) पद्म भूषण 2) फिल्म फेयर पुरस्कार 3) राष्ट्रीय पुरस्कार 4) पदमश्री.
♦Conclusion♦
सबसे पहले यह लेख पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद प्रस्तुत लेख में महानायक अमिताभ बच्चन की प्रेरणा स्रोत जीवनी, भारतीय सिनेमा जगत में उनके योगदान, के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी गई. हम उम्मीद करते हैं कि Amitabh Bachchan Biography in Hindi | अमिताभ बच्चन की प्रेरक जीवनी यह लेख आपको पसंद आया होगा, अगर आपको पसंद आया है तो नीचे हमें Comment में जरूर बताएं और इस लेख को अपने मित्रों के साथ Share करें.
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Thanks.