शिक्षक और विद्यार्थियों के बीच स्नेह और सम्मान की भावना तो सदैव नजर आती है; किंतु इसी प्यार, स्नेह और सम्मान को विशेष तौर पर व्यक्त करने के लिए हर साल, भारत में 5 सितंबर का दिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।
क्योंकि महान शिक्षक और भारत के राष्ट्रपति रहे डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी का जन्म हुआ था शिक्षक दिवस के महत्व को जानने के लिए, यहां हमने शिक्षक दिवस पर कुछ निबंध प्रस्तुत किए हैं :
शिक्षक दिवस पर छोटे एवं बड़े निबंध (Short and Long on Teachers Day in Hindi )
प्रथम निबंध (350 शब्द)
परिचय :
हमारे देश में, गुरु और शिष्य के संबंध को हमेशा ही स्नेह, सम्मान और विश्वास का प्रतीक माना जाता है। गुरु का, अपने शिष्यों के प्रति निस्वार्थ प्रेम और शिष्यों का अपने गुरु के प्रति सम्मान और अटूट विश्वास, गुरु शिष्य के इस संबंध को और भी मजबूत कर देता है। हमारे देश में, शिक्षकों का आदर सम्मान करने की परंपरा, प्राचीन काल से ही चली आ रही है। लेकिन एक विशेष दिन हम अपने शिक्षकों के प्रति अपना आभार प्रकट करते हुए, उन्हें सम्मान देते हैं, इस दिन को शिक्षक दिवस कहते हैं।
शिक्षक दिवस का दिन
शिक्षक दिवस, प्रतिवर्ष 5 सितंबर को मनाया जाता है, जो कि हमारे देश के पूर्व राष्ट्रपति और महान विद्वान, राजनीतिज्ञ तथा एक उत्कृष्ट शिक्षक, डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जन्मतिथि होता है। यूं तो विद्यार्थियों के मन में, अपने शिक्षकों के प्रति हमेशा ही आदर का भाव होता है, लेकिन शिक्षक दिवस, यह शिक्षकों के प्रति, विशेष सम्मान का दिन होता है।
शिक्षक दिवस का कार्यक्रम
विद्यालयों में, शिक्षक दिवस, बड़े ही आनंद और उत्साह के साथ मनाया जाता है। विद्यार्थी, अपने शिक्षकों के सम्मान में कई तरह के कार्यक्रम करते हैं। भाषण, गीत संगीत तथा कविताओं के द्वारा, अपने शिक्षकों का गुणगान किया जाता है और हमारे जीवन में शिक्षकों के महत्व को बताया जाता है।
शिक्षक दिवस का महत्व
हम सभी के जीवन को बेहतर बनाने में, शिक्षकों की अहम भूमिका होती है। शिक्षक, स्वयं जलकर हमें ज्ञान की रोशनी देते हैं और हमारे जीवन का अंधकार दूर करते हैं। इसलिए शिक्षक दिवस, अपने विद्यार्थियों को अच्छी शिक्षा और अच्छा ज्ञान देकर, जीवन में सफल होने का पाठ पढ़ाने वाले, हमारे शिक्षकों के प्रति, सम्मान का प्रतीक होता है।
निष्कर्ष :
किसी भी विद्यार्थी को एक अच्छा शिक्षक मिलना, बड़े ही सौभाग्य की बात होती है। हमें अपने शिक्षकों का हमेशा, सम्मान करना चाहिए क्योंकि, शिक्षक ही हमें हमेशा सफलता के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते हैं। शिक्षक ज्ञान का भंडार होते हैं, जो अपने ज्ञान से हमारा उद्धार करते हैं।
द्वितीय निबंध (400 शब्द)
परिचय :
गुरु, अर्थात शिक्षक यानी कि वह सभी व्यक्ति जो हमें शिक्षा देते हैं, हमारे गुरु होते हैं। गुरु कोई भी हो सकता है, हमें जन्म देने वाली हमारी माता, और हमें सही ग़लत की सीख देने वाले हमारे पिता भी हमारे गुरु होते है। जीवन में पग पग पर हमारा मार्गदर्शन करने वाले हमारे मित्र भी हमारे गुरु ही होते हैं।
परंतु, विद्यालय में हमें विद्या का ज्ञान देने वाले हमारे शिक्षक ही, सही मायने में हमारे गुरु होते हैं, क्योंकि वे, निस्वार्थ भाव से हमें शिक्षा प्रदान करते हैं और हमें जीवन का सही अर्थ समझाते हैं। हमारे गुरु हमारे प्रेरणास्रोत होते हैं, जो हमें सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते हैं।
गुरु का महत्व
गुरु, हम सभी के जीवन में और समाज में एक विशिष्ट स्थान रखते हैं। गुरु और शिष्य का रिश्ता बड़ा ही सुन्दर होता है। हर किसी के जीवन में एक अच्छे गुरु की बहुत जरूरत होती है। कहते हैं कि, एक अच्छा गुरु एक कुशल कुम्हार की तरह होता है, जो अपने शिष्य के जीवन को सही आकार देने का काम करता है।
शिक्षक अपने शिष्यों को, निस्वार्थ भाव से शिक्षा देते हैं, जिससे वे एक अच्छे विद्यार्थी और एक अच्छे नागरिक बनें, और सफलता की सीढियां चढ़ते हुए अपने लक्ष्य को प्राप्त करें। गुरु के अपने शिष्यों के प्रति, निस्वार्थ प्रेम के लिए, वे निश्चित रूप से सम्मान के हकदार होते हैं। इसलिए उनका सम्मान तथा आभार व्यक्त करने हेतु, हमारे देश में शिक्षक दिवस का आयोजन किया जाता है।
शिक्षक दिवस कब और क्यों
भारत में, प्रतिवर्ष 5 सितंबर का दिन, शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। शिक्षक दिवस, विद्यार्थियों द्वारा, अपने शिक्षकों का सम्मान करने का दिन होता है। इस दिन, हमारे देश के पूर्व राष्ट्रपति, डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती होती है।
डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन, स्वयं एक आदर्श शिक्षक थे और, किसी भी व्यक्ति के जीवन में शिक्षा और शिक्षकों के महत्व को अच्छी तरह समझते थे। अच्छे शिक्षक होने के साथ-साथ वे एक कुशल राजनीतिज्ञ और विद्वान भी थे। इसलिए, शिक्षक दिवस को मनाने के लिए, डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस का चुनाव किया गया।
शिक्षक दिवस पर आयोजन
शिक्षक दिवस के दिन, प्रत्येक विद्यालय और महाविद्यालय में, विद्यार्थियों के द्वारा अपने शिक्षकों का सम्मान किया जाना जाता है। विद्यार्थी, अपने शिक्षकों का आभार मानते हुए उन्हें फूलों का गुलदस्ता, ग्रिटिंग कार्ड या कोई उपहार देते हैं।
विद्यार्थी अपने शिक्षकों का गुणगान करने के लिए कविता, गीत और भाषण भी कहते हैं। शिक्षक भी स्वयं को गौरवान्वित महसूस करते हैं और अपने शिष्यों का प्रेम और उत्साह देखकर, उन्हें बहुत खुशी होती है।
निष्कर्ष :
शिक्षक हमारे जीवन की ज्योति होते हैं। हमें सही और ग़लत का ज्ञान कराने वाले अपने शिक्षकों का, हमें हमेशा आदर और सम्मान करना चाहिए। यही हमारा, अपने शिक्षकों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का सही तरीका होता हैं।
तृतीय निबंध (500 शब्द)
परिचय :
हमारे देश में, गुरु की तुलना ईश्वर से की गई है। गुरु को साक्षात, परब्रह्म यानी कि सबसे उच्च और उत्कृष्ट, कहा गया है। दो अक्षर का यह छोटा सा शब्द,असल में महानता का सागर होता है। किसी भी व्यक्ति के जीवन में, शिक्षा का असाधारण महत्त्व होता है और शिक्षा से ही मनुष्य के अच्छे भविष्य का निर्माण होता है।
एक अच्छा शिक्षक हमारा सच्चा मार्गदर्शक होता है, जो हमें अच्छी शिक्षा देकर, हमारे भविष्य को उज्जवल बनाने में हमारी सहायता करता है। शिक्षक, ना केवल विद्यार्थियों का जीवन संवारता है, बल्कि वह एक उत्तम समाज और उत्तम राष्ट्र का भी निर्माण करता है। अपने विद्यार्थियों को शिक्षित करके, उन्हें अपने लक्ष्य तक पहुंचने में सहायता करने वाले शिक्षकों का निश्चित रूप से सम्मान होना चाहिए।
शिक्षक दिवस, अपने गुरु के प्रति अपना आभार व्यक्त करने का मात्र एक छोटा सा प्रयास है।
शिक्षक दिवस कब मनाया जाता है
भारत में हर साल, 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। इस दिन भारत के पूर्व राष्ट्रपति, और भारत के सर्वोच्च सम्मान, भारत रत्न से सम्मानित, डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिवस होता हैं। डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर, 1888 को, तमिलनाडु में हुआ था। वे स्वतंत्र भारत के दूसरे राष्ट्रपति और पहले उपराष्ट्रपति थे। डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन स्वयं एक उत्कृष्ट शिक्षक और एक शिक्षित राष्ट्र के समर्थक भी थे।
अपने छात्रों को शिक्षा देने की विशिष्ट शैली के कारण वे सभी विद्यार्थियों के प्रिय शिक्षक और उनके प्रेरणास्रोत भी थे। शिक्षा के क्षेत्र में उनके असाधारण महत्त्व को ध्यान में रखते हुए, उनके जन्मदिवस को, शिक्षक दिवस के रूप में मनाए जाने का फैसला किया गया। और तभी से हम डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस को शिक्षक दिवस के रूप में मनाते हैं।
शिक्षक दिवस कैसे मनाया जाता है
चूंकि शिक्षक दिवस, विद्यार्थियों के द्वारा अपने शिक्षकों के प्रति अपना आभार और सम्मान प्रकट करने का दिन होता है, इसलिए इस विशेष दिन का संपूर्ण आयोजन भी विद्यार्थियों के द्वारा ही किया जाता है। विद्यालयों और महाविद्यालयों में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
गीतों, कविताओं और भाषणों के जरिए, अपने प्रिय शिक्षकों के प्रति अपने मन के भाव प्रकट किए जाते हैं। उन्हें फूलमाला पहनाकर और उपहार देकर उनका सम्मान किया जाता है। इस दिन, भारत सरकार भी, देश के विभिन्न भागों में, शिक्षा के क्षेत्र में अपना अभुतपूर्व योगदान देने वाले शिक्षकों को पुरस्कार देकर सम्मानित करती है।
जीवन में शिक्षक का महत्व
यूं तो, एक अच्छे शिक्षक की तुलना किसी से भी नहीं की जा सकती है, लेकिन हम उन्हेंं उस माली की उपमा दे सकते हैं, जो अपने बगिचे के पेड़ पौधों को अपने खून पसीने से सींचकर, उन्हें फलता फूलता देखना चाहता है , या फिर हम शिक्षक को एक कुशल कुम्हार कह सकते हैं, जो अपनी असाधारण योग्यता से, मिट्टी के एक साधारण से गोले को भी, एक सुंदर कलाकृति में परिवर्तित कर देने की क्षमता रखता है। शिक्षक, अपने विद्यार्थियों को सही शिक्षा देकर, उन्हें समाज में रहने और जीवन जीने योग्य बनाता है।
निष्कर्ष :
आज के परिवेश में, निश्चित रूप से गुरु और शिष्य की परिभाषा में थोड़ा अंतर आया है। लेकिन, फिर भी, एक अच्छे गुरु का स्थान, विद्यार्थियों के जीवन में, बहुत मायने रखता है। जिस तरह एक गुरु का दायित्व होता है कि वह अपने विद्यार्थियों का सही मार्गदर्शन करके, उन्हें एक अच्छा नागरिक बनाएं उसी तरह विद्यार्थियों का भी यह कर्तव्य होता है कि, वह अपने शिक्षकों के प्रति आदर और सम्मान की भावना रखें और हमेशा उनके बताएं गए रास्ते पर चलने की कोशिश करें।
आज आपने क्या सीखा ):-
यहां हमने आपको शिक्षक दिवस पर छोटे तथा बड़े निबंध उपलब्ध कराए हैं। उम्मीद करते हैं आप यह सीख गए होंगे कि इस विषय पर निबंध कैसे लिखना है। यदि हमारे द्वारा लिखे गए यह निबंध आपके लिए उपयोगी साबित हुए हैं तो अपने मित्रों के साथ SHARE करना ना भूले।