हम सभी के लिए, मां का रिश्ता सभी रिश्तों में सबसे ज्यादा बढ़कर और अनमोल होता है। मां हमें, हमेशा सही और ग़लत में अंतर करना सिखाती है और हमें सही रास्ता दिखाकर, गलत रास्ते पर चलने से रोकती हैं। मां की ममता बहुत अनमोल होती है जिसकी कीमत कोई भी नहीं चुका सकता है। आज हमने आपके लिए मेरी प्यारी मां पर कुछ निबंध यहां प्रस्तुत किए हैं:
मेरी प्यारी मां पर छोटे एवं बड़े निबंध (Short and Long Essay on My Mother in Hindi)
प्रथम निबंध (300 शब्द)
प्रस्तावना :
हम सभी के जीवन में, मां का स्थान सबसे बड़ा होता है। मां हम सभी के लिए सबसे खास होती है। मेरी मां भी मेरे लिए बहुत खास है। वह मेरे और मेरी बहन के साथ साथ, घर के हर सदस्य का पुरा ध्यान रखती है और हमारी हर इच्छा को पुरा करती है। मेरी मां, हमेशा घर की देखभाल में लगी रहती है। वह सुबह सबसे पहले उठकर, काम में लग जाती है। और हमें स्कूल के लिए तैयार करती है। वह हमें टिफिन में, हमारी पसंद की चीजें देती है और जब हम वापस घर आते हैं, तो हमारे लिए अच्छा खाना बनाकर तैयार रखती है। कुल मिलाकर कहा जाए तो वह हमारा हर तरह से ध्यान रखती हैं।
मेरी सर्वश्रेष्ठ शिक्षक : मेरी मां
मेरी मां ही मुझे और मेरी बहन को पढ़ाती है। वह इस बात का पूरा ध्यान रखती है कि, हम पढ़ाई करने के साथ साथ, स्कूल की अन्य गतिविधियों में भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले। वह हमेशा हमें आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है। और इसके लिए हमें हर संभव सहायता भी करती है।
मेरी मां, हमेशा इस बात का ध्यान रखती है कि, हमारा शारिरीक और मानसिक विकास अच्छी तरह से हो और इसके लिए वह हमें हमेशा अच्छा और पौष्टिक खाना खिलाती है और हमें रोजाना व्यायाम करने के लिए भी प्रेरित करती है। मेरी मां हमेशा यह चाहती है कि, हम हमेशा कुछ ना कुछ नया सीखते रहें और सजग और सक्रिय रहें।
मेरी मां ने मुझे और मेरी बहन को अच्छी अच्छी बातें सिखाई है। उन्होंने हमें भगवान के श्लोक, मंत्र और प्रर्थना करना सिखाया है और साथ ही बड़ों का आदर करना और उनकी हर बात को मानना भी सिखाया है; जिससे सब हमारी तारीफ करते हैं।
उपसंहार :
मां, हमेशा अपने बच्चों का भला सोचती है और उन्हें हमेशा आगे बढ़ता हुआ देखना चाहती है। इसलिए हमें भी हमेशा अपनी मां की बात सुननी चाहिए। और उन्हें हमेशा सम्मान देना चाहिए।
द्वितीय निबंध (400 शब्द)
प्रस्तावना :
मां की ममता और महानता के बारे में, थोड़े से शब्दों में कुछ भी कहना बहुत ही कठीन है। मनुष्य के साथ साथ, पशु पक्षियों के लिए भी उनकी मां बहुत महत्वपूर्ण होती है। मां ही हमारी सबसे पहली गुरु होती है, जो हमें इस दुनियां में लाने से लेकर तो अपने पैरों पर खड़े रहने में हमारी सहायता करती है।
मां से मिले अच्छे संस्कारों और अच्छी सीखों की वजह से, हम अपने जीवन में हमेशा कामयाब होते हैं। इसलिए हमारे जीवन को बनाने और संवारने में मां की सबसे अहम भूमिका होती। मां, चाहे मनुष्य की हो या फिर पशु पक्षियों की, वह हमेशा अपने बच्चों को दुनियां में सबसे ज्यादा प्यार करती है।
सबसे प्यारी मेरी मां
मेरी मां भी मुझे बहुत प्यार करती हैं। वह मुझे अपनी पलकों पर बिठाकर रखती है। मुझे जरा सी भी तकलीफ़ होती है, तो वह बहुत परेशान हो जाती है। मैं भी अपनी हर परेशानी में सबसे पहले अपनी मां को ही याद करती हूं। क्योंकि उनके पास मेरी हर परेशानी का समाधान होता है। वह हमेशा मुझे सही सलाह देती है।
मेरी हर पसंद और नापसंद का मेरी मां को अच्छी तरह पता होता है। मेरी मां बहुत हंसमुख है। वह सबको हंसाती रहती है, और हमेशा सबको खुश रखती है। वह घर में, सबसे बहुत अच्छा व्यवहार करती हैं और सबका ध्यान, बहुत अच्छे से रखती है। वह बहुत अच्छा खाना बनाती है और सबको बहुत प्यार से खिलाती है।
वह सभी बड़े लोगों का मान सम्मान करती है और सभी छोटों को बहुत प्यार दुलार करती है। मेरी मां की इन्हीं अच्छाइयों के कारण, सभी उन्हें बहुत पसंद करते हैं। मैं अपनी मां के यही सब गुण अपनाकर, अपनी मां की तरह ही बनना चाहती हूं।
मेरी मां की सीख
मेरी मां बहुत कम गुस्सा करती हैं। जब भी मैं या मेरे भाई बहन, कोई छोटी मोटी शरारत करते हैं तो वह हंसकर टाल देती है, लेकिन जब हम कोई बड़ी शरारत करते हैं, किसी को बेवजह परेशान करते हैं या फिर झूठ बोलते हैं तो फिर वह जरुर हमें डांटती है। मेरी मां हमें हमेशा पढ़ाई और खेलकूद में आगे बढ़ने की प्रेरणा देती हैं, जिससे हमारा हौसला बढ़ता है।
उपसंहार :
मां हमें जो भी सिखाती है, वह हमारी भलाई के लिए ही होता है। इसलिए मां की सीखों को हमेशा ध्यान में रखें और उनका पालन करके, जीवन में कामयाबी पाएं। हमें जिंदगी के हर पल में अपनी मां का सम्मान करना चाहिए और सदैव उन्हें खुश रखने की कोशिश करनी चाहिए क्योंकि प्रत्येक मनुष्य का यह सबसे अहम कर्तव्य है।
तृतीय निबंध (500 शब्द)
प्रस्तावना :
मां से संबंधित, यह एक बहुत पुरानी कहावत है, और हम सभी ने बहुत बार सुनी भी है कि, “भगवान हर जगह मौजूद नहीं रह सकते हैं, इसलिए उन्होंने मां को बनाया है।” यानी कि हम सभी के जीवन में, मां का स्थान भगवान की तरह ही महत्वपूर्ण होता है। मां ही हमारी पहली गुरु भी होती है, जो हमें उंगली पकड़कर चलना और आगे बढ़ना सिखाती है।
जीवन में मां का महत्व
हम सभी के जीवन में मां का क्या महत्व होता है, इसे शब्दों में व्यक्त करना बहुत ही मुश्किल है। मां की ममता और महत्व को इस प्रसिद्ध मराठी गीत की पंक्तियों के द्वारा समझ सकते हैं, जिसका अर्थ है कि, “तीनों लोकों का स्वामी भी, मां के बिना भिखारी हैं।” तो आप ही सोचिए कि, जिसके पास तीन लोक जितनी अपार संपत्ति तो है, लेकिन मां ही नहीं है, तो उसकी उस संपत्ति का कोई ही महत्व नहीं है।
मां हमें जन्म देकर इस दुनियां में लाती ही नहीं है, बल्कि हमें इस दुनियां में रहने के तौर तरीके भी सिखाती है। मां जिंदगी भर अपने बच्चों पर अच्छे संस्कार करती हैं और उन्हें अच्छी अच्छी बातें सिखाती है। मां अपने बच्चों का कदम कदम पर साथ देती है और उनकी किसी भी परेशानी में उनका साथ कभी नहीं छोड़ती है।
जब भी हमें कोई चोट लगती हैं या हम पर कोई मुसीबत आती हैं तो हम सबसे पहले अपनी मां को ही याद करते हैं और हमारे मुंह से निकलने वाला सबसे पहला शब्द भी मां ही होता है। मां के लिए उसके बच्चे ही दुनियां में सबसे प्यारे होते हैं।
मेरी मां के संस्कार
मेरी मां भी बहुत प्यारी है और वह मुझे और मेरे भाई को बहुत प्यार करती हैं और हमारा बहुत ध्यान भी रखती है। वह सुबह प्यार से हमें उठाती हैं, और स्कूल के लिए तैयार करती हैं। स्कूल में हमें, टिफिन में अच्छा और स्वास्थ्यवर्धक खाना देती हैं। दोपहर को जब हम घर लौटते हैं तो हमें देखकर वह बहुत खुश हो जाती हैं और प्यार से हमें गले लगाती है। मां को देखकर हम भी बहुत खुश हो जाते हैं।
मेरी मां, मेरे पापा, दादाजी और दादीजी का भी बहुत ध्यान रखती है। वह हम सबकी पसंद नापसंद का ख्याल रखती है और सबको हर चीज समय पर देती है। घर में वह हमेशा सबको खुश रखती है। वह पूजा पाठ भी करती हैं और हम सबको भी करने के लिए कहती हैं।
मेरी मां हमें रोज कोई ना कोई अच्छी बात सिखाती है। वह हमें अच्छी और ज्ञानवर्धक किताबें खरीदकर देती है और उन्हें पढ़ने के लिए प्रेरित करती है । साथ ही हमें मोबाइल और टीवी से दूर भी रखती है। वह रात को सोते समय रोज हमें एक, धार्मिक या देशभक्ति की अच्छी कहानी सुनाती है।
मेरी मां हमेशा मुझे और मेरे भाई को आगे बढ़ता हुआ देखना चाहती है और पढ़ाई के साथ साथ, खेलकूद और विभिन्न तरह की प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने के लिए प्रेरित करती रहती है। वह अपने विद्यार्थी जीवन में एक अच्छी और होशियार विद्यार्थी रही है, इसलिए हमें भी एक अच्छा विद्यार्थी बनने की प्रेरणा देती है।
उपसंहार :
एक मां ही, हमेशा अपने बच्चों को सही दिशा दिखा सकती हैं, और इसके लिए उन्हें अपने बच्चों को उनकी गलतियों के लिए,कभी डांटना या सजा भी देना पड़ती है। इसलिए कभी भी अपनी मां की सीखों को नजरंदाज ना करें और उनकी किसी भी बात का बुरा ना माने।
आज आपने क्या सीखा ):-
यहां हमने आपको मेरी प्यारी मां पर छोटे तथा बड़े निबंध उपलब्ध कराए हैं। उम्मीद करते हैं आप यह सीख गए होंगे कि इस विषय पर निबंध कैसे लिखना है। यदि हमारे द्वारा लिखे गए यह निबंध आपके लिए उपयोगी साबित हुए हैं तो अपने मित्रों के साथ SHARE करना ना भूले।