श्री कृष्ण चालीसा, जिसका पाठ करने से भक्तों पर आने वाले संकट कृष्ण भगवान हार लेते हैं। योगीराज श्री कृष्ण के भक्तों श्री कृष्ण चालीसा का पाठ यदि आप सच्चे मन से करते हैं; तो आपकी हर मनोकामना पूर्ण होती है। जिस प्रकार इंद्र से अपने भक्तों की रक्षा करने के लिए उन्होंने गोवर्धन पर्वत को उंगली पर लिया था; उसी प्रकार इस कलयुग में भी सभी भक्तों पर छत्रछाया बनाए हुए हैं। आपकी भक्ति से प्रसन्न होकर, तीनों लोकों के स्वामी भगवान कृष्ण आपको जीवन में सभी प्रकार की दुखद कठिनाई और परेशानियों से मुक्ति का मार्ग दिखाते हैं।
Shri Krishna Chalisa
♦दोहा♦
बंशी शोभित कर मधुर, नील जलद तन श्याम।
अरुणअधरजनु बिम्बफल, नयनकमलअभिराम॥
पूर्ण इन्द्र, अरविन्द मुख, पीताम्बर शुभ साज।
जय मनमोहन मदन छवि, कृष्णचन्द्र महाराज॥
♦चौपाई♦
जय यदुनंदन जय जगवंदन।
जय वसुदेव देवकी नन्दन॥
जय यशुदा सुत नन्द दुलारे।
जय प्रभु भक्तन के दृग तारे॥
जय नट-नागर, नाग नथइया।
कृष्ण कन्हइया धेनु चरइया॥
पुनि नख पर प्रभु गिरिवर धारो।
आओ दीनन कष्ट निवारो॥
वंशी मधुर अधर धरि टेरौ।
होवे पूर्ण विनय यह मेरौ॥
आओ हरि पुनि माखन चाखो।
आज लाज भारत की राखो॥
गोल कपोल, चिबुक अरुणारे।
मृदु मुस्कान मोहिनी डारे॥
राजित राजिव नयन विशाला।
मोर मुकुट वैजन्तीमाला॥
कुंडल श्रवण, पीत पट आछे।
कटि किंकिणी काछनी काछे॥
नील जलज सुन्दर तनु सोहे।
छबि लखि, सुर नर मुनिमन मोहे॥
मस्तक तिलक, अलक घुंघराले।
आओ कृष्ण बांसुरी वाले॥
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