Pranayam in Hindi: “प्राणायाम” महर्षि पतंजलि के अष्टांग योग का ही एक हिस्सा है । अष्टांग योग व्यक्ति को स्वस्थ बनाकर व्यक्ति को लम्बी आयु प्रदान करता है। इसी क्रम में मनुष्य की आयु या उसकी प्राण ऊर्जा को बढ़ाने के लिए अष्टांग योग के प्राणायाम को उसका हिस्सा बनाया गया है ।
यहां इस लेख में आपको प्राणायाम क्या है ? प्राणायाम कितने प्रकार का होता है ? प्रणाम के नियम क्या है ? प्राणायाम के फायदे क्या है ? आदि विषयों पर महत्वपूर्ण जानकारी सरल भाषा में मिलेगी.
प्राणायाम क्या है – What is Pranayam in Hindi ?
प्राणायाम (Pranayam) दो शब्दों से मिलकर बना है। “प्राण और आयाम जिसका शब्दिक अर्थ होता है कि प्राण ऊर्जा यानी जीवन शक्ति को बढ़ाना । इसलिए प्राणायाम मनुष्य को लम्बी आयु प्रदान करने का साधन है ।”
प्राणायाम साँसों को संयमित करने की एक कला है। जो तीन प्रक्रियाओं कुम्भक , रेचक और पूरक से मिलकर बना है । ये एक सामान्य प्रक्रिया है जिसे हम पूरे दिन दोहराते है क्योकि सांस लेना पूरक कहलाता है और सांस छोड़ना रेचक कहलाता है । इस प्रक्रिया को हम दिन भर दोहराते है लेकिन इन सबके बीच हम कुम्भक का अभ्यास कभी नही करते । कुम्भक चलती साँसों को कुछ समय के लिए रोकने की प्रक्रिया है ।
कुम्भक दो प्रकार का होता है –
1. बाह्य कुम्भक – जब व्यक्ति सांस को छोड़कर उसे कुछ देर के लिए बाहर ही रोककर रखता है तो इसे बाह्य कुम्भक कहते है । | 2. अंतः कुम्भक – जब व्यक्ति सांस अंदर लेकर उसे कुछ देर के लिए अंदर ही रोककर रखता है तो इसे अंतः कुम्भक कहते है । |
प्राणायाम के प्रकार – Types of Pranayam in Hindi
प्राणायाम कई प्रकार के होते है. यहां नीचे हमने कुछ प्रमुख प्राणायाम के नाम बताए हैं –
नाड़ीशोधन प्राणयाम | Nadisodhan Pranayam |
भस्त्रिका प्राणायाम | Bhastrika Pranayama |
अनुलोम विलोम प्रणायाम | Anulom vilom pranayam |
कपालभाति प्राणायाम | Kapalbhati Pranayama |
शीतली प्राणयाम | Sheetali Pranayam |
सितकारी प्राणयाम | Cooling pranayama |
भ्रामरी प्राणायाम | Bhramari pranayama |
नाड़ीशोधन प्राणायाम | Nadisodhan Pranayama |
सूर्यभेदन प्राणयाम | Solar isolation |
चन्द्रभेदी प्राणयाम | Chandrabhedi Pranayam |
प्रणायाम के फायदे – Benefits of Pranayam in Hindi
वैसे तो प्राणायाम के अनगिनत फायदे होते हैं किंतु हमने यहां कुछ महत्वपूर्ण प्राणायाम से होने वाले फायदे बताइए, यदि आप नियमित रूप से योग प्राणायाम करते हैं तो आपको निम्नवत प्रकार के बहुत से लाभ होंगे.
♦प्रणायाम करने से व्यक्ति को अनेक शारीरिक बीमारियों से मुक्ति मिल जाती है ।
♦प्राणयाम का निरंतर अभ्यास करने से चेहरे की सुंदरता बढ़ती है । चेहरे पर एक अलग ही प्रकार का तेज बढ़ने लगता है।
♦प्रणायाम के अभ्यास से असमय ही शरीर मे पड़ी झुर्रियां ठीक होकर शरीर कांतिमय बनाता है।
♦प्राणयाम के लगातार अभ्यास से अस्थमा जैसी बीमारी में राहत में मिलती है और और धीरे-धीरे यह ठीक भी हो जाती है।
♦प्रणायाम से व्यक्ति का मन एकाग्र होता है जिससे इच्छा शक्ति दृढ़ होती है ।
♦मन के एकाग्र होने से व्यक्ति की बुद्धि तीक्ष्ण होती है और कठिन विषय भी आसानी से समझ आने लगता है.
♦प्रणायाम में इतनी ताकत होती है कि वह आपके शरीर की बंद किसी भी नाड़ी को खोल सकता है ।
♦प्रणायाम के लगातार से अभ्यास से पुराने से पुराना लकवा भी ठीक हो जाता है।
♦प्राणयाम से शरीर , मन और आत्मा का आपस मे अच्छा सामंजस्य हो जाता है जिससे व्यक्ति प्रशन्न रहता है और उसमें ज्यादा कार्य शक्ति का निर्माण होता है । जिसके कारण व्यक्ति बिना रुके काफी मेहनत कर सकता है ।
♦प्राणयाम से अवसाद , माइग्रेन जैसी बीमारियों में काफी लाभ मिलता है ।
प्राणयाम करने के नियम – Rules for Doing Pranayama in Hindi
जिस प्रकार हर कार्य को करने के लिए कुछ नियम कानून होते है उसी तरह से प्राणायाम को करने के लिए भी कुछ नियम है । जिनका पालन करके आप प्रणायाम के लाभ को कई गुना बढ़ा सकते है ।
1. प्राणायाम करने मे सही समय कब होता है ?
प्रणायाम करने मे सही समय प्रातः काल होता है । प्रणायाम करने के लिए व्यक्ति को सूर्योदय से पहले का समय चुनना चाहिए क्योकि इस समय वातावरण एक दम स्वच्छ और शुद्ध होता है साथ ही साथ वातावरण में ऑक्सीजन की मात्रा भी ज्यादा होती है। सुबह सुबह प्रणायाम करने से व्यक्ति के शरीर मे ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ जाती है जिससे व्यक्ति के शरीर के अंदर अशुद्ध पदार्थ बाहर निकल जाते है और व्यक्ति की अनेक बीमारियां ठीक हो जाती है । प्रणायाम करने के लिए व्यक्ति को शांत और स्वच्छ स्थान का चयन करना चाहिए ।
2. प्रणायाम करने के किस आसान में बैठना चाहिये ?
प्रणायाम करने के लिए व्यक्ति को साफ और स्वच्छ स्थान पर एक आसान बिछा कर उस पर अपनी सुविधा के अनुसार सुखासन, वज्रासन, पद्मासन, सिद्धासन में बैठना चाहिए । अगर नीचे बैठने में आपको किसी प्रकार की समस्या होती है तो आप कुर्सी पर बैठकर भी इसे कर सकते है ।
3. प्राणायाम कैसे करना चाहिए ?
प्रणायाम करते समय व्यक्ति को आंखे बंद रखनी चाहिए और अपना ध्यान आज्ञाचक्र पर केंद्रित करना चाहिए । (आज्ञाचक्र दोनों आंखों के बीच के स्थान को कहते है जहां पर तिलक लगाया जाता है) प्रणायाम करते समय व्यक्ति को एक दम शंट्सचित्त रहना चाहिए ।
प्रणायाम के समय सावधानियां – Precautions doing Pranayama in Hindi
प्रणायाम करते समय व्यक्ति को निम्न सावधानियां रखनी चाहिए –
♦हमेशा धीमी गति से ही सांस अंदर ले और बाहर छोड़े। कभी भी तेजी से सांस अंदर और बाहर नही छोड़नी है।
♦हमेशा सीधी कमर करके ही प्रणायाम करना चाहिए और आराम से प्राणायम करे। कभी भी जल्दबाजी न करे ।
♦कभी भी सांस को अंदर या बाहर 1 मिनट से ज्यादा समय तक नही रोकना चाहिए नही तो आपके मस्तिष्क में ऑक्सीजन की कमी होने के कारण कोशिकाएं छतिग्रस्त हो सकती है ।
♦प्राणायाम किसी योग्य प्राणयाम शिक्षक के मार्गदर्शन में ही करना चाहिए ।
♦प्राणायाम करते समय किसी भी प्रकार की तकलीफ होने पर चिकित्सक की सलाह अवश्य ले ।
♦प्राणयाम करते समय अगर सांस फूलने लगे , आंखों के आगे अंधेरा छाने लगे , पसीना आने लगे तो प्राणायाम करना तुरन्त ही रोक देना चाहिए और चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए ।
♦अस्थमा मरीज को प्रणायाम नही करना चाहिए । गुरु के निर्देशन में ही प्राणयाम का अभ्यास करना चाहिए ।
♦गर्भवती महिलाएँ और बच्चो को भी किसी योग निर्देशन में ही प्राणयाम का अभ्यास करना चाहिए ।
♦दिल की बीमारी और कैंसर के मरीज को तो बिना चिकित्सक की सलाह के प्रणायाम नही करना चाहिए ।
♦शुरू शुरू में प्राणयाम की अवधि कम ही रहनी चाहिए । शुरू में आपको ज्यादा से ज्यादा 2 मिनट तक ही प्रणायाम का अभ्यास करना चाहिए । लगतार अभ्यास करके आप इस समय सीमा को धीरे धीरे बढ़ा सकते है ।
♦Conclusion♦
प्राणायाम एक ऐसी प्रक्रिया है जो आपके संपूर्ण जीवन को बदल सकती है, आपके सोचने, निर्णय लेने, याद रखना की क्षमता यह सब प्राणायाम की वजह से सर्वोत्तम हो सकती हैं. नियमित रूप से प्राणायाम करने से हजारों बीमारियों का खात्मा हो सकता है.
Post में हमने प्राणायाम से होने वाले फायदे भी बताए थे. यदि आपको हमारा प्राणायाम विषय पर आधारित यह लेख “प्राणायाम क्या है और इसके क्या फायदे हैं”अच्छा लगा हो तो इसे अपने मित्रों के साथ SHARE करना ना भूले. यदि आप पहले से प्राणायाम कर रहे हैं और आपको इससे फायदा हुआ है तो अपने विचार COMMENT में अवश्य रखें.