Keshav Das Biography in Hindi | केशवदास जी का जीवन परिचय

- Advertisement -

Keshav Das: सूरदास और तुलसीदास के बाद सबसे महत्वपूर्ण भक्ति और रितिकालीन महाकवि केशव दास जी ने वास्तु और ललित कलाओं से परिपूर्ण ग्रंथ समाज को दिए. आज हम इस लेख में केशव दास जी के जीवन परिचय (Keshav Das Biography in Hindi), उनके साहित्यिक योगदान, भाषा शैली और उनकी कृतियों के बारे में यहां जानेंगे.

Keshav Das Biography in Hindi
Keshav Das Biography in Hindi

Keshav Das Biography in Hindi (केशवदास जी का जीवन परिचय)

जन्म सन 1555 ई0
जन्म स्थान ओरछा (बुंदेलखंड)
पिता काशीनाथ
माता
मृत्यु सन 1617 ई0
भाषा हिंदी, संस्कृत

हिंदी काव्य जगत में रीति वादी परंपरा के संस्थापक, प्रचारक महाकवि केशवदास का जन्म भारत के ओरछा (बुंदेलखंड) राज्य में संवत 1622 (सन 1555) में हुआ था. यह ब्राह्मण कृष्ण रथ के पात्र तथा काशीनाथ के पुत्र थे. ‘विज्ञान गीता’ मैं वंश के मूल पुरुष का नाम वेदव्यास उल्लेखित है.

यह भारद्वाज गोत्री मरदानी शाखा के यजुर्वेदी मिस्र उपाधिधारी ब्राह्मण थे. तत्कालीन जिन विशिष्ट जनों से इनका घनिष्ठ परिचय था उनके नाम – अकबर, बीरबल, टोडरमल और उदयपुर के राणा अमर सिंह थे. तुलसीदास जी ने इनका साक्षात्कार महाराज इंद्रजीत के साथ काशी यात्रा के समय हुआ था. ओरछा के महाराज इंद्रजीत सिंह इन के आश्रय दाता थे, जिन्होंने 21 गांव इन्हें भेंट किए थे. वीर सिंह देव का आश्रय भी इन्हें प्राप्त था, उच्च कोटि के रसिक होने के कारण यह है पूरे अस्तित्व में थे.

व्यवहार कुशल, विनोदी, नीति निपुण, निर्भीक एवं स्पष्ट वादी केशवदास की प्रतिमा सर्वगुण संपन्न थी. साहित्य और संगीत, धर्मशास्त्र व राजनीति, ज्योतिष और आयुर्वेद सभी विषयों का इन्होंने गंभीर अध्ययन किया था. यह संस्कृत के विद्वान तथा अलंकार शास्त्री भी थे. हिंदी साहित्य के यह प्रथम महाकवि हुए जिन्होंने संस्कृत के आचार्यों की परंपरा का हिंदी सूत्रपात किया था. संवत 1674 (सन 1617) के लगभग इन का स्वर्गवास हो गया.

Literacy introduction of Keshav Das (केशवदास जी का साहित्यिक परिचय)

महाकवि केशवदास का समय रीतिकालीन तथा भक्ति कालीन का संधि युग था. तुलसी तथा सूर ने भक्ति की जिस पावन धारा को प्रवाहित किया था, वह तत्कालीन राजनीतिक एवं सामाजिक परिस्थितिवश नष्ट हो रही थी. दूसरी ओर जयदेव तथा विद्यापति नियत ने शृंगारिक कविता की नींव डाली थी, उसके अभ्युदय का आरंभ हो चुका था. वास्तु कला तथा ललित कलाओं का उत्कर्ष इस युग की ऐतिहासिक उपलब्धि थी.

अब कविता भक्ति या मुक्ति का विषय ना होकर वृत्ति का स्थान ले चुकी थी. भाव पक्ष को अपेक्षा कला पक्ष की प्रधानता मिल रही थी. महाकवि केशवदास इस काल के ना केवल प्रतिनिधि कवि थे, अपितु युग परिवर्तन भी थे.

संस्कृत के अनेको छंद को भाषा में ढालने में केशवदास को परम सफलता मिली है. ‘विज्ञानगीता’ में केशवदास ने ज्ञान की महिमा गाते हुए जीव को माया से छुटकारा पाकर ब्रह्म से मिलने का उपाय बताया है. यह दोनों ग्रंथ धार्मिक प्रबंध काव्य है. वीरसिंहदेव चरित, जहांगीर जसचंद्रिका और रतन बावनी यह तीनों ग्रंथ ही चारणकाल की याद दिलाते हैं. काव्यशास्त्र संबंधी ग्रंथ ‘रसप्रिया’ में रस विवेचना तथा नायिका भेद और ‘कविप्रिया’ में कवि कर्तव्य तथा अलंकार का वर्णन किया गया है. इन ग्रंथों के द्वारा कवि ने रीति साहित्य का शिलान्यास किया है.

काव्य में अलंकारों के संबंध में महाकवि केशव दास जी ने कहा भी है- “जदपि सुजाति सुलच्छिनी सुबरन सरस सुवृत्त भूषण बिनु न बिराजई कविता, बनिता, मित्त।”

Composition’s of Keshav Das (केशव दास जी की कृतियां)

केशवदास लगभग 16 ग्रंथों के रचयिता माने जाते हैं. उसमें से आठ ग्रंथ प्रमाणित है. इन आठ प्रमाणित ग्रंथों में से ‘रामचंद्रिका’  भक्ति संबंधी ग्रंथ भी शामिल है, जिसमें केशवदास ने राम और सीता को अपना इष्ट देव माना है और राम नाम की महिमा का गुणगान किया है. यह ग्रंथ पंडितों के ज्ञान को परखने की कसौटी है. छंद विधान की दृष्टि से यह महत्वपूर्ण ग्रंथ है.

इसके अतिरिक्त कविप्रिया, रसिकप्रिया, वीरसिंहदेव चरित, जहांगीर जसचंद्रिका, विज्ञानगीता इनकी प्रमुख कृतियां है.

♦Conclusion♦

केशव की रचना में इसके 3 लोग दिखाई देते हैं- आचार्य का, महाकवि और इतिहासकार का. यह परमार्थ हिंदी के प्रथम आचार्य थे. आचार्य का संग्रहण करने पर इन्होंने संस्कृत शास्त्रीय पद्धति को हिंदी में प्रचलित करने की चिंता की जो जीवन के अंत तक बनी रहे.

इनके एक प्रशंसक ने सूर और तुलसी के बाद तीसरे स्थान पर हिंदी कवियों में केशव दास जी को ही माना है. और उन्होंने कहा है- सूर सूर तुलसी शशि, उडगन केशवदास, । अब के कवि खद्योत सम. जंह-तंह करत प्रकाश.

यह भी पढ़ें:

- Advertisement -
Editorial Team
Editorial Teamhttps://multi-knowledge.com
आप सभी पाठकों का हमारे ब्लॉग पर स्वागत है। Editorial Team लेखकों का एक समूह है; जो इस ब्लॉग पर पाठकों के लिए महत्वपूर्ण और जानकारी से भरपूर नए लेख अपडेट करता रहता है। मल्टी नॉलेज टीम का उद्देश्य डिजिटल इंडिया के तहत प्रत्येक विषय की जानकारी उपभोक्ताओं तक मातृभाषा हिंदी में सर्वप्रथम उपलब्ध कराना है। हमारी टीम द्वारा लिखे गए लेख पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद।

Related Post

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

error: Protected
close button