Kedarnath Singh: प्रस्तुत लेख में आधुनिक युग के विद्वान लेखक “श्री केदारनाथ सिंह जी का जीवन परिचय” (About Kedarnath Singh in Hindi) एवं आधुनिक युग के हिंदी साहित्य में उनके योगदान के विषय जानकारी दी गई है. केदारनाथ की की प्रमुख रचनाएं एवं उनको प्राप्त पुरस्कारों के विषय में भी संक्षिप्त जानकारी दी गई है.
Kedarnath Singh Biography in Hindi (केदारनाथ सिंह का जीवन परिचय)
केदारनाथ सिंह का जन्म (Birth of Kedarnath Singh) 1934 ई0 में उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में के चकिया नामक ग्राम में हुआ था. इनकी प्रारंभिक शिक्षा इनके गांव में ही हुई थी. इन्होंने बनारस विश्वविद्यालय से 1956 में एम0 ए0 तथा 1964 में पी0एच0डी की. इन्होंने वाराणसी, गोरखपुर और पडरौना के कई स्नातक स्नातकोत्तर विश्वविद्यालय में अध्यापन कार्य किया. 1999 ई0 में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय नई दिल्ली में प्रोफेसर और अध्यक्ष पद से रिटायर हुए.
केदारनाथ सिंह की कविताएं अपनी सभ्यता, संस्कृति, लोक तत्वों तथा मानवता से परिपूर्ण है. इन्होंने कविता एवं गद्द की अनेक पुस्तकों की रचना की है. इनकी कविताओं में गांव तथा शहर का द्वंद स्पष्ट दृष्टिगत है. इनके द्वारा रचित कविता ‘बाघ’ इनके लिए मील का पत्थर साबित हुई.
केदारनाथ जी को अनेकों सम्मान पुरस्कार से सम्मानित किया गया- अकाल में सारस, के लिए 1989 ईस्वी में साहित्य अकादमी पुरस्कार, साथ ही मैथिलीशरण गुप्त सम्मान, कुमारन आशातन पुरस्कार , दिनकर पुरस्कार, जीवन भारत भारती सम्मान, व्यास सम्मान, ज्ञानपीठ पुरस्कार और हिंदी साहित्य अकादमी 2009-10 के प्रतिष्ठित और सर्वोच्च सलाका पुरस्कार से सम्मानित किया गया, परंतु हिंदी की सच्ची सेवा करने वालों को उचित सम्मान ना दिए जाने के विरोध में इन्होंने सलाका पुरस्कार ठुकरा दिया.
वर्ष 2013 के ज्ञानपीठ पुरस्कार से केदारनाथ जी को सम्मानित किया गया. इन्होंने वाराणसी से ‘हमारी पीढ़ी’ पत्रिका का संपादन किया तथा तीसरा सप्तक के कवियों में इन्हें शामिल किया गया.
Compositions of Kedarnath Singh in Hindi (केदारनाथ सिंह की रचनाएं)
केदारनाथ सिंह ने गद्य और पद्य दोनों विधाओं में अपनी रचनाएं लिखिए. इनकी कृतियां निम्नलिखित है-
काव्यसंग्रह- अभी बिल्कुल अभी, जमीन पक रही है, यहां से देखो, अकाल में सारस, टॉलस्टॉय और साइकिल एवं तीसरे सप्तक में संकलित प्रकाशित कविताएं. इनके अतिरिक्त बाघ, जीने के लिए कुछ शर्तें, प्रक्रिया, सूर्य, एक प्रेम कविता को पढ़कर, आंधी रात, अनागत स्वाधीन की प्रमुख कविताएं है.
निबंध- मेरे समय के शब्द, कल्पना और छायावाद, हिंदी कविता में बिंब विधान.
कहानियां- कब्रिस्तान में पंचायत.
अन्य- ताना-बाना.
Language style of Kedarnath Singh in Hindi (केदारनाथ सिंह की भाषा शैली)
केदारनाथ सिंह की भाषा अत्यंत सरल एवं स्पष्ट है. इनकी भाषा के संबंध में कहा गया है कि भाषा को लेकर यह निरंतर निरीक्षण करते दिखाई देते थे की भाषा कहां है, कैसे बचेगी और कहां विफल है और कहां विकसित किए जाने की आवश्यकता है. इनकी सैलरी मानव मूल्यों के संचार के लिए सदैव प्रयासरत रही है, जिससे मनुष्य की कभी ना नष्ट होने वाली ऊर्जा तथा अदम में जिजीविषा है. इन्होंने अधिकतर मुक्तक का प्रयोग किया है.
♦Conclusion♦
सबसे पहले यह लेख पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद. यहां हमने आपको केदारनाथ सिंह की जीवनी और उनके साहित्यिक योगदान से अवगत कराया. केदारनाथ सिंह ने साहित्य में ग्रामीण और शहरी समस्याओं को लेकर अपने काव्य की विषय बनाए हैं. इन्होंने एकअलाप के स्थान पर संवाद युक्त शैली का प्रयोग तथा शब्दों के संबंध में पहचान साहित्य को दी है. इनका काव्य क्रांति, विद्रोह का नहीं बल्कि जीवन और उसके विविध पक्षों से परिपूर्ण है. अत: आधुनिक कवियों में इनका स्थान अति महत्वपूर्ण है.
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