Jaishankar Prasad Biography in Hindi: छायावादी युग के युग प्रवर्तक एवं महान कवि एवं लेखक दोनों के रूप में प्रसिद्ध जयशंकर प्रसाद जी की जीवनी (Biography of Jaishankar Prasad in Hindi) इस लेख में प्रस्तुत किया गया है. इस जीवन परिचय को पढ़कर आप जयशंकर प्रसाद जी के हिंदी साहित्य जगत में योगदान एवं कृतियों के बारे में जानेंगे.
जयशंकर प्रसाद छायावादी युग के युग प्रवर्तक और सबसे प्रमुख सर्वश्रेष्ठ कवि एवं लेखक के रूप में जाने जाते हैं. प्रसाद जी की हिंदी गद्य एवं पद्य दोनों ही विधाओं पर मजबूत पकड़ थी. आइए पढ़ते हैं- Jaishankar Prasad Biography in Hindi.
Jaishankar Prasad Biography in Hindi (जयशंकर प्रसाद का जीवन परिचय)
नाम – जयशंकर प्रसाद जी |
जन्म – सन 1889 ई0 |
विवाह – कमला देवी |
विशेष- छायावादी युग के युग प्रवर्तक |
कार्यक्षेत्र- गद्य एवं पद्य दोनों |
रचनाएं- स्कन्दगुप्क, अजाकशत्रु छाया, प्रतिध्नि, आकाशदीप कंकाल, तितली और इरावती |
मृत्यु– 14 नवम्वर, 1937 ई0 |
हिन्दी साहित्य के महान कवि, नाटककार, कहानीकार एवं निबन्धकार श्री जयशंकर प्रसाद जी का जन्म सन 1889 ई0 में काशी के प्रसिध्द सुघँनी साहू परिवार में हुआ था । इनके पिता बाबू देवीप्रसाद काशी के प्रतिष्ठित और धनाय व्यक्ति थे । इनकी प्रारम्भिक शिक्षा घर पर ही हुई तथा स्वाध्याय से ही इन्होंने अंग्रेजी, संस्क्रत, उर्दू और फारसी का श्रेष्ठ ज्ञान प्राप्त किया और साथ ही वेद, पुराण, इतिहास, दर्शन आदि का भी गहन अध्ययन किया ।
माता – पिता तथा बड़े की मृत्यु हो जाने पर इन्होंने व्यवसाय और परिवार का उत्तरदायित्व सँभालना ही था कि युवावस्था के पूर्व ही भाभी और एक के बाद दूसरी पत्नी की मृत्यु से इनके ऊपर विपत्तियों का पहाड़ ही टूट पड़ा । फलतः वैभव के पालने में झूलता इनका परिवार ऋण के बोझ से दब गया ।
इनको विषम परिस्थितियों से जीवन- भर संघर्ष करना पड़ा लेकिन इन्होंने हार नहीं मानी और निरन्तर साहित्य – सेवा में लगे रहे । क्रमशः प्रसाद जी का शरीर चिन्ताओं से जर्जर होता गया और अन्ततः ये क्षय रोग से ग्रस्त हो गये 14 नवम्वर, 1937 ई0 को केवल 48 वर्ष की आयु में हिन्दी साहित्याकाश में रिक्तता करते हुए इन्होंने इस संसार से विदा ली ।
Jaishankar Prasad ‘s place in Literature in Hindi (जयशंकर प्रसाद का साहित्य मे स्थान)
प्रसाद जी छायावादी युग के जनक तथा युग-प्रवर्तक रचनाकार हैँ । बहुमुखी प्रतिभा के कारण इन्होंने मौलिक नाटक, श्रेष्ठ कहानियाँ, उत्कृष्ट निबन्ध और उपन्यास लिखकर हिन्दी-साहित्य के कोश की श्रीवृध्दि की है । आधुनिक हिन्दी के मूर्धन्य साहित्यकारों में प्रसाद जी का विशिष्ट स्थान है । आचार्य नन्दुलारे वाजपेयी के शब्दों में – “भारत के इने-गिने श्रेष्ठ साहित्यकारों में प्रसाद जी का स्थान सदैव उँचा रहेगा” । इनके विषय में किसी कवि ने उचित ही कहा है-“सदियों तक साहित्य नहीं यह समझ सकेगा, तुम मानव थे या मानवता के महाकव्य थे” ।
Compositions of Jaishankar Prasad in Hindi (जशंकर प्रसाद की कृतियां)
प्रसाद जी ने काव्य, नाटक कहानी, उपन्यास और निबन्धों की रचना की इनकी प्रमुख कृतियों का विवरण निम्नलिखित है-
(1) नाटक- स्कन्दगुप्क, अजाकशत्रु, चन्द्रगुप्त, विशाख, ध्रुर्वस्वामीनी, कामना, राज्यश्री, जनमेजय का नागयज्ञ, करुणालय, एक घूट, सज्जन, कल्याणी – परिणय, आदि इनके प्रसिध्द नाटक हैं । प्रसाद जी के नाटकों में भारतीय और पाशत्य नाटय-कला का सुन्दर समन्वय है । इनके नाटकों में राष्ट के गौरवमय इतिहास का सजीव वर्णन हुआ है ।
(2) कहानी संग्रह- छाया, प्रतिध्नि, आकाशदीप, तथा इन्द्रजाल, प्रसाद जी की कहानियों के संग्रह हैं इनकी कहानियों में मानव-मुल्यों और भावनओं का काव्यमय चित्रण हुआ है ।
(3) उपन्यास– कंकाल, तितली और इरावती (अपूर्ण ) । प्रसाद जी ने अपने इन उपन्यासों में जीवन की वास्तविकता का आदर्शोंन्मुख चित्रण कीया है ।
(4) निबन्ध संग्रह– काव्यकला तथा अन्य निबन्ध । इस निबन्ध – संग्रह में प्रसाद जी के गम्भीर चीन्तन तथा साहित्य सम्बन्धी स्वस्थ दृष्टकोण की अभिव्यक्ति हुइ है ।
(5) काव्य– कामायनी, (महाकाव्य ), आँसू , झरना, लहर, आदि प्रसिध्द काव्य हैं । कामायनी, श्रेष्ठ छायावादी महाकाव्य है ।
♦Conclusion♦
सबसे पहले यह लेख पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद प्रस्तुत लेख में हमने आपको प्रसाद जी के हिंदी साहित्य में योगदान, प्रसाद जी की रचनाएं और उनके जीवन परिचय से आपको अवगत कराया है. यदि इसके अतिरिक्त आपके पास भी जयशंकर प्रसाद की जीवन परिचय से संबंधित कुछ अन्य जानकारी है तो कमेंट करके Share जरूर करें.
हम जानते हैं कि Kabir Das Biography in Hindi | कबीरदास का जीवन परिचय यह लेख आपको पसंद आया होगा, अगर आपको पसंद आया है तो नीचे हमें Comment Section में जरूर बताएं और इस लेख को अपने परिवारिक एवं मित्रों के साथ Share करें.
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